Google Deep Research AI Assistant: रिसर्च का काम बनाएगा आसान, फ्री में कर सकेंगे इस्तेमाल, क्या है ऐसा जो बनाता है इसे दूसरे AI टूल से अलग
गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि डीप रिसर्च यूजर्स की ओर से जटिल विषयों का पता लगाने के लिए एआई का इस्तेमाल करता है और पढ़ने में आसान यानी इजी टू अंडरस्टैंड भाषा से उत्तर देता है।
अक्सर ये कहा जा रहा था कि गूगल एआई की रेस में थोड़ा पीछे रह गया है। वहीं कई लोग तो ये भी कह रहे थे कि गूगल का टाइम अब चला गया और कुछ सालों के भीतर ही नई कंपनियां उसे रिप्लेस कर देंगी। ये सोचना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन थोड़ा रिएलेस्टिक ग्राउंड पर रहकर सोचना ज्यादा अच्छा है। कुछ कंपनियां इतनी ज्यादा बड़ी हैं कि वो रातों रात नहीं गायब होने वाली हैं। चाहे वो एमजॉन हो, एप्पल हो मेटा हो या फिर गूगल ये बहुत ही बड़ी जाइगेंटिंग कंपनियां हैं। अगर आपको लगता है कि गूगल एआई की रेस में पीछे है तो याद रखिए हमें अटेंशन ऑल यू नीड वाले फ्रेज को कभी नहीं भूलना चाहिए। गूगल एक ऐसी कंपनी है जिसके पास बहुत सारे रिसोर्स हैं, बहुत सारे टायलेंटेड इंजीनियर्स हैं और बहुत सारा कैश फ्लो है। ऐसी कंपनियां कभी भी कपबैक कर सकती हैं और इनके कमबैक से हमें ही फायदा होता है। बहुत सारा मैटेरियल फ्री में मिलता है और हमें तो उसी से मतलब है। जितना ज्यादा हम अपने आपको अपडेट कर सके और रिसोर्स यूज कर सकें। इसी क्रम में गूगल ने पिछले महीने ही एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल डीप रिसर्च लॉन्च किया है। ये इंटरनेट पर रिसर्ट करने में आपकी मदद करता है। ये गूगल के जेमिनी एआई चैटबॉट का इस्तेमाल करता है।
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गूगल डीप रिसर्च क्या है?
गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि डीप रिसर्च यूजर्स की ओर से जटिल विषयों का पता लगाने के लिए एआई का इस्तेमाल करता है और पढ़ने में आसान यानी इजी टू अंडरस्टैंड भाषा से उत्तर देता है। गूगल के अनुसार, यह टूल इस बात पर पहली नज़र डालता है कि जेमिनी यूजर्स का समय बचाने के लिए जटिल कार्यों को निपटाने में कैसे बेहतर रहे। ये एजेंटिक एआई सिस्टम पर जोर देती है। इसका मतलब है कि अब एआई सिस्टम पहले से अधिक आत्मनिर्भर होंगे और खुद ही काम कर सकेंगे।
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कैसे और कहां हो सकता है इसका इस्तेमाल
डीप रिसर्च टूल का सर्वोत्तम लाभ उठाने के लिए, उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने संकेतों को सरल और स्पष्ट रखें। उन्हें अपेक्षित परिणामों के बारे में विशिष्ट होना चाहिए, यदि आवश्यक हो तो उन्हें स्रोतों की दोबारा जांच करनी चाहिए, और उन्हें अनुसंधान मापदंडों को अनुकूलित करने के लिए संपादन योजना सुविधा का उपयोग करना चाहिए। इस उपकरण का उपयोग करके शोध कार्य के लिए पूर्व-निर्मित टेम्पलेट रखना उपयोगी हो सकता है। यदि आपके पास अतिरिक्त प्रश्न हैं या रिपोर्ट को बेहतर बनाने की आवश्यकता है, तो आप बस Gemini से पूछ सकते हैं, जिससे आपको कुछ ही समय में घंटों के शोध के बराबर जानकारी मिल जाएगी।
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