सुशासन तभी साकार होगा जब अंतिम पायदान पर खड़े नागरिकों की समस्याओं का समाधान होगा

Manohar lal

पिछले छः महीनों से सीएमजीजीए ने हरियाणा के फ्लैगशिप कार्यक्रमों पर सक्रियता से काम किया है। उन्होंने नागरिकों के साथ बातचीत कर उनके समक्ष आने वाली कठिनाइयों की पहचान की और इन समस्याओं को दूर करने की सिफारिशें कीं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई एक दिवसीय बैठक में ये सिफारिशें प्रस्तुत की गईं।

चंडीगढ़ ।  शासन से सुशासन तभी साकार हो सकता है जब आखिरी छोर पर सरकार की पहुंच सुनिश्चित होगी। सुशासन हेतु हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के 'नए हरियाणा' के विजन को पूरा करने के लिए योजनाओं और सेवाओं में परिवर्तन महत्वपूर्ण हैं। इसी दृष्टिकोण के साथ, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी (सीएमजीजीए) कार्यक्रम पांच वर्षों से जमीनी स्तर पर सार्थक परिणाम प्रदान कर रहा है। वर्तमान में अपने छठे वर्ष में कार्य कर रहे सीएमजीजीए ने नागरिकों के सामने आने वाली चुनौतियों, मुद्दों के समाधान और वास्तविक परिणामों के लिए प्रक्रियाओं को बदलने के लिए सिफारिशों की है।

 

पिछले छः महीनों से सीएमजीजीए ने हरियाणा के फ्लैगशिप कार्यक्रमों पर सक्रियता से काम किया है। उन्होंने नागरिकों के साथ बातचीत कर उनके समक्ष आने वाली कठिनाइयों की पहचान की और इन समस्याओं को दूर करने की सिफारिशें कीं।  मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई एक दिवसीय बैठक में ये सिफारिशें प्रस्तुत की गईं। योजनाओं से संबंधित विषयों पर विस्तार से विचार-विमर्श करने के लिए विभागों के प्रशासनिक सचिव भी मौजूद रहे। बैठक में अशोका विश्वविद्यालय के ट्रस्टी और सह-संस्थापक श्री प्रमथ राज सिन्हा और प्रो. कुलपति श्री राजेश गरोडिया भी उपस्थित रहे।

बैठक में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना, मॉडल संस्कृति स्कूल, सुपर 100, मेरी फसल मेरा ब्योरा, ग्राम दर्शन और जनसहायक जैसे कई फ्लैगशिप कार्यक्रमों के संबंध में जमीनी स्तर पर पाई गई चुनौतियों व अनुभवों को प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं पर सहयोगियों द्वारा की गई सिफारिशों को गंभीरता से सुना और उनका मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सर्वप्रथम संरचनात्मक मुद्दों पर काम करना जैसे विभिन्न वितरण योजनाओं तथा कृषि, शिक्षा और सेवा वितरण योजनाओं सहित अन्य प्राथमिकता वाली परियोजनाओं का विश्लेषण करना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने विभागों के अधिकारियों को योजनाओं व सेवाओं में इन सुझावों को शामिल करने के भी निर्देश दिए ताकि इन्हें और अधिक मजबूत बनाया जा सके जिससे अंतिम छोर तक सरकार की पहुंच सुनिश्चित करने में कोई कसर न रहे। यह एक दिवसीय बैठक कई मायनों में सकारात्मक रही और राज्य में उत्पन्न होने वाले मुद्दों को हल करने के लिए आवश्यक संशोधनों के संबंध में निर्णय लिये गए, जिससे बड़े पैमाने पर नागरिकों को लाभ होगा।

मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं पर सीएमजीजीए के काम की सराहना की और उन्हें ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स तथा तकनीकी हस्तक्षेप जैसी पहलों पर सक्रियता से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।

मनोहर लाल ने कहा कि सीएमजीजीए मॉडल देश में एक अद्वितीय सफल कार्यक्रम के रूप में उभरा है और इससे हरियाणा को लाभ हुआ है। हमारा लक्ष्य हरियाणा में हर नागरिक की सेवा सुनिश्चित करना है, जिसमें अंतिम व्यक्ति का उदय शीर्ष पर है। यह देखकर बड़ा अच्छा लगता है कि हमने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किस प्रकार से कार्यक्रमों का निर्माण, निरंतरता और संस्थागत किया है।

बैठक में नागरिकों के लिए चलाई जा रही सरकार की प्रमुख योजनाओं पर प्रगति को भी दर्शाया गया। शिक्षा, कृषि, कल्याणकारी योजनाओं के वितरण और सामाजिक सुरक्षा जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा में सहयोगियों ने ग्राम शिविरों का आयोजित करने में सुविधा प्रदान की, व्यापक प्रचार-प्रसार किया और चुनौतियों को समझकर संबंधित उपायुक्तों के मार्गदर्शन में शिकायत निवारण में भी मदद की। इन गतिविधियों से हरियाणा में 60 प्रतिशत पंजीकरण के साथ एमएमएफबी पोर्टल पर भूमि के पंजीकरण में वृद्धि हुई। साथ ही, स्वीकृत शिकायतों में से लगभग 89 प्रतिशत को सहयोगियों की मदद से जिला प्रशासन के माध्यम से हल किया गया है।

बैठक में बताया गया कि रोजगार के विषय पर सहयोगियों ने नागरिकों के साथ बातचीत की, मौजूदा प्लेटफार्मों की जांच की और डाटा का पूरी तरह से विश्लेषण किया। इसमें यह पाया गया है कि कई प्लेटफॉर्म होने से नागरिकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है, जिससे इनका कम उपयोग हो रहा है। सहयोगियों ने नौकरी के अवसरों, स्वरोजगार और करियर मार्गदर्शन व परामर्श के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म की सिफारिश की। इससे सूचना प्रवाह और कई योजनाओं व सेवाओं के लिए एक मंच सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने इस अवधारणा का समर्थन किया है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने अपने सुझाव व मार्गदर्शन प्रदान किए और बैठक में लिए गए निर्णयों पर सहयोगियों को और तीव्रता से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सहयोगियों ने सरकारी तंत्र को समझने में एक सराहनीय काम किया है और अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया है कि हम हरियाणा के प्रत्येक नागरिक तक कैसे पहुंच सकते हैं। मुझे विश्वास है कि उनकी अंतर्दृष्टि जमीनी स्तर पर ठोस परिणाम लाएगी।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सीएमजीजीए कार्यक्रम युवा पेशेवरों के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ काम करने और अफसरशाही को समझने का पहला अनुभव है। यह कार्यक्रम एक स्थायी प्रभाव पैदा करने के लिए राज्य सरकार, शिक्षाविदों और कॉरपोरेट्स को एक साथ जोड़ता है।

अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापक और ट्रस्टी प्रमथ राज सिन्हा ने कहा कि यकीन है कि पिछले 6 महीनों के दौरान सहयोगियों का एक गहन और उपयोगी अनुभव रहा है, जिसने इस क्षेत्र में काम करने के उनके संकल्प को और बढ़ाया है और यह सुनिश्चित किया है कि हम सभी हरियाणा में सुशासन के मुख्यमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे प्रयोजकों ने कार्यक्रम के सुचारू कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और हीरो मोटोकॉर्प, सिस्को सिस्टम्स इंडिया, परनॉड रिकार्ड इंडिया फाउंडेशन और योकोहामा इंडिया का आभारी हूं कि उन्होंने कार्यक्रम के साथ निरंतर समर्थन और जुड़ाव रखा।

सीएमजीजीए कार्यक्रम

सीएमजीजीए कार्यक्रम राज्य की प्राथमिकताओं पर काम करने और सुशासन को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मकता और कौशल का लाभ उठाने हेतु 2016 से अशोका विश्वविद्यालय और हरियाणा सरकार के बीच एक रणनीतिक सहयोग है। हर साल, 24 चयनित उम्मीदवारों को हरियाणा के 22 जिलों में रखा जाता है और सिस्टम को सुव्यवस्थित करने के लिए सीधे तौर पर उपायुक्तों और जिला प्रशासन के साथ काम करते हैं और नागरिक वितरण सेवाओं में वृद्धि के लिए मौजूदा संरचनाओं को सुधारने के लिए अभिनव समाधान प्रदान करते हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़