हिमाचल भवन में स्वर्णिम हिम महोत्सव का आयोजन किया गया
इस अवसर पर मल्लिका नड्डा ने हिमाचलियों से राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचलियों को उनकी कड़ी मेहनत और ईमानदारी के लिए देश भर में जाना जाता है और उन्हें अपनी पहचान बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश व्यास और मार्कंडेय ऋषियों जैसे संतों की भूमि है
शिमला। हिमाचल प्रदेश के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में राज्य भर में मनाए जा रहे स्वर्णिम हिमाचल समारोहों के अन्तर्गत आवासीय आयुक्त कार्यालय और हिमाचल सोशल बाॅडीज फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आज हिमाचल भवन नई दिल्ली में स्वर्णिम हिम महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर फेडरेशन द्वारा स्वर्णिम हिमाचल चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली/एनसीआर में रहने वाले हिमाचल प्रदेश के 72 बच्चों ने भाग लिया।
विशेष ओलंपिक भारत की अध्यक्षा मल्लिका नड्डा इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थी। उन्होंने प्रतियोगिता के प्रतिभागियों और विजेताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। समारोह की अध्यक्षता ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष नंद लाल ने की।
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इस अवसर पर मल्लिका नड्डा ने हिमाचलियों से राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचलियों को उनकी कड़ी मेहनत और ईमानदारी के लिए देश भर में जाना जाता है और उन्हें अपनी पहचान बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश व्यास और मार्कंडेय ऋषियों जैसे संतों की भूमि है और गौरवशाली संस्कृति और परंपराओं से भरपूर है। उन्होंने इसेें संरक्षित करने पर जोर दिया ताकि युवा पीढ़ी इसके मूल्य को समझ सके और इस पर गर्व कर सके।
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श्रीमती नड्डा ने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों, प्रजा मंडल आंदोलन, राज्य के शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी और उनके योगदान को भी याद किया। उन्होंने सभी हिमाचलियों को एक सशक्त समाज, राज्य और राष्ट्र के निर्माण के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया जो विकासोन्मुख हो। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. यशवन्त सिंह परमार को श्रद्धांजलि अर्पित की और एक मजबूत राज्य के निर्माण के लिए अन्य सभी मुख्यमंत्रियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ईमानदार प्रयासों की भी सराहना की।
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श्रीमती नड्डा ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए आवासीय आयुक्त कार्यालय और हिमाचल सोशल बाॅडिज फेडरेशन के प्रयासों की सराहना की और कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए इस तरह के और आयोजनों की योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल भवन में कला प्रेमियों और कलाकारों के लिए आर्ट गैलरी विकसित करने के ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने दिल्ली/एनसीआर में रहने वाले हिमाचलियों से समाज में विशेष रूप से अक्षम लोगों की सहायता के लिए आगे आने का भी आग्रह किया ताकि उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने विशेष ओलंपिक भारत की गतिविधियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
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श्रीमती नड्डा ने उन हिमाचलियों को भी सम्मानित किया जिन्होंने समारोह आयोजित करने में अपना योगदान दिया है। इस अवसर पर ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष नंद लाल ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के कला प्रेमियों और कलाकारों के लिए हिमाचल भवन में आर्ट गैलरी विकसित करने का आग्रह किया।
हिमाचल सोशल बाॅडिज फेडरेशन के मुख्य समन्वयक के.आर. वर्मा ने फेडरेशन की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फेडरेशन के तत्वावधान में दिल्ली/एनसीआर में कार्यरत 22 से अधिक हिमाचली संघ एकजुट हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल सोशल बाॅडिज फेडरेशन दिसम्बर और जनवरी माह में स्वर्णिम हिमाचल समारोहों के उपलक्ष्य में दो और कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आवासीय आयुक्त कार्यालय के साथ समन्वय करेगा। इस अवसर पर प्रधान आवासीय आयुक्त एस.के. सिंगला ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उप-आवासीय आयुक्त पंकज शर्मा, दिल्ली/एनसीआर में रहने वाले हिमाचली और हिमाचल सोशल बाॅडिज फेडरेशन के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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