सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा: अखिलेश

Akhilesh Yadav
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यादव ने ट्वीट किया, भाजपाइयों द्वारा संसद का दिखावटी उद्धाटन नहीं, बल्कि वहाँ पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझना, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है।’’

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि ‘‘जहां सत्ता का अभिमान हो, विपक्ष का मान नहीं हो, ऐसी संसद के उद्घाटन में क्या जाना।’’ यादव ने ट्वीट किया, भाजपाइयों द्वारा संसद का दिखावटी उद्धाटन नहीं, बल्कि वहाँ पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझना, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्घाटन में क्या जाना।

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गौरतलब है कि 19 विपक्षी दलों ने बुधवार को ऐलान किया कि वे संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक रूप से बहिष्कार करेंगे। उन्होंने मांग की है कि नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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