Gita Press Row: अनुराग ठाकुर बोले- कांग्रेस हमेशा से हिन्दू विरोधी, उसके थिंक टैंक पर वैचारिक आतंकियों का कब्ज़ा

Anurag Thakur
ANI
अंकित सिंह । Jun 20 2023 3:18PM

अनुराग ठाकुर ने आज एक बार फिर से कहा है कि कांग्रेस हमेशा से हिंदू विरोधी रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के लिए हिंदू आस्था और ग्रंथों का उपहास उड़ाती है।

गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने को लेकर राजनीति जबरदस्त तरीके से जारी है। सरकार के फैसले को लेकर कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए भाजपा ने साफ तौर पर कहा था कि कांग्रेस को सनातन से नफरत है इसलिए वह इस कदम का विरोध कर रहे हैं। इन सब के बीच केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का भी बयान सामने आया है। अनुराग ठाकुर ने आज एक बार फिर से कहा है कि कांग्रेस हमेशा से हिंदू विरोधी रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के लिए हिंदू आस्था और ग्रंथों का उपहास उड़ाती है। 

इसे भी पढ़ें: Gita Press पर दो खेंमों में बंटी कांग्रेस, प्रमोद कृष्णम बोले- जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं को टिप्पणी से बचना चाहिए

कांग्रेस हमेशा से हिन्दू विरोधी 

अपने बयान में अनुराग ठाकुर ने कहा कि शायद ही ऐसा कोई हिन्दू घर होगा जहां गीता प्रेस में छपी कोई पुस्तक, ग्रंथ या महाकाव्य न हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से हिन्दू विरोधी रही है और समय-समय पर कांग्रेस के नेताओं ने ये स्वयं उजागर किया है कि कांग्रेस के थिंक टैंक पर वैचारिक आतंकियों का कब्ज़ा हो चुका है जो अपने तुष्टिकरण के लिए हिन्दू धर्म, हिन्दू आस्था के केंद्रों और हिन्दू ग्रंथों का उपहास उड़ाते हैं। 

इसे भी पढ़ें: घर घर में धर्म, संस्कृति और परंपरा पर आधारित साहित्य पहुँचाने वाली Gita Press को गांधी शांति पुरस्कार देने के फैसले पर भड़की Congress

कांग्रेस ने क्या कहा था

ट्विटर पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देना सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा होगा। उन्होंने तर्क दिया कि एक लेखक अक्षय मुकुल ने 'गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया' नामक एक जीवनी लिखी थी। रमेश ने कहा कि किताब मुकुल के महात्मा गांधी के साथ 'तूफानी' संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का पता लगाता है. यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है। हालांकि, कांग्रेस में भी इसको लेकर राय बंटी हुई नजर आ रही है। यूपी कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि जयराम रमेश को ऐसे बय़ान नहीं देना चाहिए था। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़