Giriraj Singh का तंज, सावरकर को जानने के लिए राहुल को 7 जन्म लेना पड़ेगा, कांग्रेस पर अनुराग ठाकुर का वार
मोदी सरनेम को लेकर मानहानी मामले में राहुल को सूरत की एक कोर्ट ने दोषी पाया और उन्हें दो साल की सजा सुनाई। इसी के बाद राहुल की सदस्यता गई है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी सावरकर कभी नहीं हो सकते।
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है। कांग्रेस जबरदस्त तरीके के भाजपा और केंद्र की सरकार पर हमलावर है। इन सब के बीच भाजपा की ओर से कांग्रेस पर पलटवार किया गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी पिछड़ो का अपमान कर रहे हैं। काले कारनामे, फिर काले कपड़े और अब ये काले जादू तक जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में इतना अहंकार है कि उन्होंने माफी नहीं मांगी और कोर्ट के आदेश को भी नहीं माना। एक व्यक्ति की वजह से ये सत्र नहीं चलने दे रहे। आपको बता दें कि कांग्रेस के सांसद आज काले कपड़े में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है।
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मोदी सरनेम को लेकर मानहानी मामले में राहुल को सूरत की एक कोर्ट ने दोषी पाया और उन्हें दो साल की सजा सुनाई। इसी के बाद राहुल की सदस्यता गई है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी सावरकर कभी नहीं हो सकते। सावरकर जी कभी 6 महीने विदेश घुमने नहीं जाते थे। उन्होंने कहा कि हर सत्र के बाद उन्हें छुट्टी नहीं चाहिए होती थी, वे आज़ादी के लिए समर्पित थे। वीर सावरकर का तो अपना किया ही लेकिन नेहरू जी और इंदिरा गांधी का ही सम्मान बचा लेते। दरअसल, राहुल ने माफी मांगने के सवाल पर कहा कि था कि वह राहुल गांधी हैं, सावरकर नहीं जो मांफी मांगेगे। इसी के बाद भाजपा राहुल पर और ज्यादा हमलावर है।
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को 7 जन्म लेना पड़ेगा तब वीर सावरकर को जान पाएंगे। सावरकर ने अपनी पूरी जिंदगी सेलुलर जेल में काटी, क्या वे कभी सेलुलर जेल गए हैं? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक बार सेलुलर जेल जा के देखें तब उन्हें पता चलेगा कि सावरकर क्या है? केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 2019 में 'मोदी' नाम को किसने गाली दी? इसका मतलब इस देश में बोलने की स्वतंत्रता है लेकिन गाली देने की नहीं। कांग्रेस को बोलने की स्वतंत्रता और गाली देने की स्वतंत्रता में फर्क करना चाहिए। वह इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए बल्कि क़ानूनी के चश्मे से देकना चाहिए।
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