गहलोत का आरोप, भाजपा के इशारे पर बयानबाजी कर रही हैं मायावती
बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय से अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार को मजबूती मिली थी, क्योंकि 200 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ दल के विधायकों की संख्या बढ़कर 107 हो गई थी।
गहलोत ने आगे कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मायावती जो बयानबाजी कर रही हैं, वह भाजपा के इशारे पर कर रही हैं। भाजपा जिस प्रकार से सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग का दुरुपयोग कर रही है ... डरा रही है, धमका रही है सबको ही.. आप देखो राजस्थान में क्या हो रहा है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मायावती भी डर रही हैं उससे, मजबूरी में वो बयान दे रही हैं।’’ उल्लेखनीय है कि संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेन्द्र अवाना और राजेन्द्र गुढ़ा ने 2018 में विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर जीता था। ये सभी विधायक सितम्बर 2019 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।मेरा मानना है कि मायावती जी जो बयानबाज़ी कर रही हैं, वो भाजपा के इशारे पर कर रही हैं। भाजपा जिस प्रकार से सीबीआई-ईडी-इनकम टैक्स का दुरुपयोग कर रही है,डरा रही है,धमका रही है, राजस्थान में क्या हो रहा है, सबको मालूम है...मायावती जी भी डर रही हैं उनसे, मजबूरी में वो बयान दे रही हैं। pic.twitter.com/biQXhSfV9p
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 30, 2020
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बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय से अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार को मजबूती मिली थी, क्योंकि 200 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ दल के विधायकों की संख्या बढ़कर 107 हो गई थी। गहलोत ने कहा कि इस मामले में भाजपा का दोहरा चेहरा भी जनता के सामने आ गया है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने टीडीपी के चार सांसदों का राज्यसभा में रातों रात विलय करवा दिया। वह विलय तो सही है और राजस्थान के अंदर छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए, वह विलय गलत है।.... फिर भाजपा का चाल, चरित्र, चेहरा कहां गया? मैं पूछना चाहता हूं।
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