jaish के जोश को जमींदोज करने वाले 21 मिनट की पूरी कहानी, जब सो रहा था देश जाग रहे थे वे चारों

Balakot
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Feb 26 2024 12:26PM

14 फरवरी को पुलवामा में दहशतगर्द ने देश की माटी को उसके सपूतों के लहू से लाल कर दिया था। पूरा देश गम और गुस्से में भरा हुआ था। देश के नीति नियंताओं और रखवालों की आंखों में अंगार भर गया था।

परमाणु हथियारों से लैस दो देशों की वायुसेना में सीधी भिड़ंत देखे दुनिया को एक अरसा बीत गया था। भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना थी। लेकिन 1971 के बाद हमने उसका इस्तेमाल अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा के बाहर नहीं कि थी। लेकिन 26 फरवरी को ये सब बदल गया। भारत ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में जबा टॉप पर जैश ए मोहम्मद के ठिकानों पर हवाई हमले किये। इसे आत्मरक्षा में की गई असैन्य कार्यवाही बताया गया। प्रिएमटिव स्ट्राइक, हमारे आपके लिए बालाकोट एयर स्ट्राइक इसका नाम है। 27 फरवरी को पाकिस्तान एयर फोर्स ने इसका जवाब देने की कोशिश की। भारतीय वायुसेना ने न केवल पाकिस्तान एयर फोर्स के जहाजों को खदेड़ा बल्कि एक थर्ड जेनरेशन फाइटर से एक फोर्थ जेनेरेशन फाइटर को गिराया भी। एफ 16 को एक मिग 21 से गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान 60 घंटे पाकिस्तान की कस्टडी में रहकर सकुशल देश लौटे और उन्हें वीर चक्र दिया गया। इस वाक्या को 5 साल पूरे हो गए हैं और हम भारतीय वायुसेना को उनके सफल ऑपरेशन की पांचवीं वर्षगांठ पर बधाई देते हैं। आज आपको बताएंगे की भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन की तैयारी कैसे की और इसे कैसे अंजाम दिया गया। 

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पुलवामा के बाद कैबिनेट कमेटी की बैठक में क्या हुआ?

14 फरवरी को पुलवामा में दहशतगर्द ने देश की माटी को उसके सपूतों के लहू से लाल कर दिया था। पूरा देश गम और गुस्से में भरा हुआ था। देश के नीति नियंताओं और रखवालों की आंखों में अंगार भर गया था। उस रोज तय हुआ था कि पाकिस्तान के इस हिमाकत का हिसाब जल्द से जल्द होगा। 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले के बाद कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पुलवामा हमले के बदले को लेकर चर्चा हुआ और तय किया गया कि जैश ए मोहम्मद को इस हमले का करारा जबाब दिया जाएगा। इस बैठक के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल ने इस ऑपरेशन को अंजाम देने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सेना के तीनों विंग के अध्यक्षों की बैठक बुला ली। इस बैठक में जनरल बिपिन रावत एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा शामिल हुए। एनटीआरओ प्रमुख, रॉ और एनएसए प्रमुख भी इस बैठक में शामिल हुए। जिसके बाद सभी एजेंसियों के तालमेल से इस ऑपरेशन को अंजाम देने की बात तय हुई। 

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सईद के चार एकड़ में फैले ठिकानों को तस्वीर 

एनटीआरओ और रॉ को रीयल टाइम इनपुट मुहैया कराने की जिम्मेदारी दी गई। आतंकियों ठिकानों पर हवाई हमले के लिए वायुसेना के मिराज विमानों को चुना गया। इसी बैठक में एनटीआरओ ने बालाकोट में आतंकी सरगना सईद के चार एकड़ में फैले ठिकानों को तस्वीर में दिखाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हरी झंडी मिलने के बाद एनएसए अजित डोभाल के नेतृत्व में तीनों सेनाओं, एनटीआरओ और रॉ समेत तमाम खुफिया एजेंसियों के बेहतर तालमेल से पाकिस्तान के बालाकोट में इस बड़े हवाई हमले को अंजाम दिया गया। जैश के बड़े ट्रैनिंग कैंप को नेस्तोनाबूद कर दिया। 21 मिनट में ही अपने मिशन को अंजाम देकर वायुसेना की पूरी टीम वापस वतन लौट आई। 

21 मिनट में ऑपरेशन को दिया गया अंजाम

रात के तीसरे पहर में जब पूरा देश सो रहा था उस वक्त पाकिस्तान की जमीन पर बारूद बरस रहे थे। देश चैन की नींद सो रहा था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, उस वक्त के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और तत्कालीन एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोवा जाग रहे थे। ये चारो दिल्ली में बैठ कर हर उस मूवमेंट पर नजर बनाए हुए थे जो पाकिस्तान पर बारूद बनकर बरसने वाला था। सबकुछ पहले से तय था। कहां तक मिराज को लेकर हमारे लड़ाके जाएंगे। कहां वो धमाका करेंगे। कहां वो पाकिस्तान के आतंकियों को नेस्तोनाबूद करेंगे और कितने समय में पाकिस्तान को तहस-नहस करके वापस लौट आएंगे। इन चारों क बेचैनी तबतक बढ़ी रही जब तक की ये खबर नहीं मिल गई कि भारतीय वायुसेना के पराक्रमियों ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया है। 

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