राष्ट्र सुरक्षा को न आउटसोर्स किया जा सकता, न दूसरों पर निर्भर रहा जा सकता: सेना प्रमुख

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सेना प्रमुख ने एक रक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जरूरी है कि आयात पर निर्भरता कम से कम की जाए, जो भविष्य के लिए तैयार होने की योजना में बेहद जरूरी है।

थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि देश की सुरक्षा को न तो आउटसोर्स किया जा सकता है और न ही इसके लिए दूसरों पर निर्भर रहा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी सैन्य उपकरणों के मामले में हमारा आत्मनिर्भर बनना बहुत ही जरूरी है।’’

सेना प्रमुख ने एक रक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जरूरी है कि आयात पर निर्भरता कम से कम की जाए, जो भविष्य के लिए तैयार होने की योजना में बेहद जरूरी है।

उन्होंने कहा, देश की सुरक्षा के संरक्षक होने के नाते हम अपनी क्षमता विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयात पर पूर्ण रूप से निर्भर नहीं हो सकते और इस बात से हम भलीभांति अवगत हैं।

भविष्य के लिए तैयार रहना हमारी योजना में यह महत्वपूर्ण पहलू है। सेना प्रमुख ने फर्स्टपोस्ट रक्षा शिखर सम्मेलन में कहा कि कोविड​​​​-19 वैश्विक महामारी और दुनिया भर में चल रहे संघर्षों ने जरूरी सैन्य उपकरणों के लिए बाहरी निर्भरता के प्रभाव को दर्शाया है।

उन्होंने कहा, जमीनी लड़ाई में प्रौद्योगिकी एक नए रणनीतिक क्षेत्र के रूप में उभर रही है। वैश्विक महामारी के दौरान महत्वपूर्ण उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता और आपूर्ति श्रृंखला में बाधा का प्रभाव सामने आया तथा दुनिया भर में चल रहे संघर्षों से हमने यह सबक भी सीखा।

जनरल पांडे ने कहा, इन घटनाक्रमों ने स्पष्ट रूप से रेखांकित किया कि राष्ट्र की सुरक्षा को न तो आउटसोर्स किया जा सकता है और न ही इसके लिए दूसरों पर निर्भर रहा जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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