हिमाचल प्रदेश के चंबा के तीसा इलाके में भयंकर अगिनकांड में चार लोग जिंदा जलकर मारे गये

Fire in Chamba

चंबा के एसपी अरूल कुमार ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंच कर आगे की कार्रवाई कर रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजा जा रहा है। बताया जा रहा है कि तीसा इलाके के चुराह तहसील के करातोट गांव में मुहम्मद रफी के मकान को देर रात करीब 2 बजे आग लगी। हादसे में खुद 26 वर्षीय मुहम्मद रफी, उनके छह वर्षीय बेटे जैतून और समीर चार साल व डेढ़ साल की बेटी जुलेखा की मौत हो गई।

शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के तीसा  इलाके में देर रात एक मकान में आग लगने से चार लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई। जबकि एक महिला घायल है। सुबह जब हादसे की खबर लोगों को पता चली तो गांव में मातम पसर गया।  आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।

चंबा के एसपी अरूल कुमार ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंच कर आगे की कार्रवाई कर रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजा जा रहा है। बताया जा रहा है कि तीसा इलाके के चुराह तहसील के करातोट गांव में मुहम्मद रफी के मकान को देर रात करीब 2 बजे आग लगी। हादसे में खुद 26 वर्षीय मुहम्मद रफी, उनके छह वर्षीय बेटे जैतून और समीर चार साल व डेढ़ साल की बेटी जुलेखा की मौत हो गई। वहीं, उनकी पत्नी 26 वर्षीय थुना गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। उसे अस्पताल पहुंचा दिया गया है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। दर्दनाक हादसे में मुहम्मद रफी का हंसता खेलता परिवार उजड़ गया है। हर कोई हादसे से स्तब्ध है।

तीसा में हुए भयंकर अग्निकांड के बाद स्थानीय विधायक एवं विधानसभा के उपाध्यक्ष हंसराज भी मौके पर पहुंच गए हैं। स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर हादसे की जांच शुरू कर दी है। जिला चंबा के तीसा उपमंडल में इससे पहले भी कई अग्निकांड हो चुके हैं। बीते साल भी तीसा में एक मकान में आग लगने से परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी।

पहाड़ी इलाके में अधिकतर लोगों ने घर लकड़ी के बनाए हुए होते हैं। दो से तीन मंजिला इन घरों में निचली मंजिल पर पशुओं के बांधने की व्यवस्था की होती है, यहीं पर सूखी घास व लकड़यिं रखी होती हैं। ऐसे में जरा सी चूक होने पर लकड़ी के यह घर पलभर में राख के ढेर में बदल जाते हैं। पहाड़ी क्षेत्र के लोग इस तरह के घर इस कारण बनाते हैं, क्योंकि सर्दी के मौसम में जब बर्फ पड़ जाती है तो बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। इसी कारण पशुओं के बांधने व चारे की व्यवस्था भी साथ ही की होती है। इन दिनों लोगों ने घास व लकड़ी का स्टाक करना शुरू कर दिया है।

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