पूर्व प्रधानमंत्री Deve Gowda ने मोदी से महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने का आग्रह किया

Deve Gowda
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जनता दल (सेक्युलर) के संरक्षक देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि विधानसभाओं और संसद में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जब निर्वाचन आयोग ने हाल में कर्नाटक में चुनावों की घोषणा की, और राज्य में पात्र महिला मतदाताओं की संख्या जारी की, तो यह आश्चर्य की बात नहीं थी कि वे कुल मतदाताओं का लगभग पचास प्रतिशत थीं।’’

पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को संसद में बहुमत प्राप्त है और वह इसे पारित करा सकती है। जनता दल (सेक्युलर) के संरक्षक देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि विधानसभाओं और संसद में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जब निर्वाचन आयोग ने हाल में कर्नाटक में चुनावों की घोषणा की, और राज्य में पात्र महिला मतदाताओं की संख्या जारी की, तो यह आश्चर्य की बात नहीं थी कि वे कुल मतदाताओं का लगभग पचास प्रतिशत थीं।’’

देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘इसने मुझे विधानसभाओं और संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित किया।’’ यह पत्र 10 अप्रैल को लिखा गया था जिसे शनिवार को जारी किया गया। देवेगौड़ा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वह प्रधानमंत्री के रूप में 1996 में महिला आरक्षण विधेयक संसद में लाये थे, लेकिन इसे पारित कराने में असफल रहे। उन्होंने कहा कि बाद में 2008 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा किए गए प्रयास भी तार्किक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे। देवेगौड़ा ने कहा कि दोनों बार जब विधेयक को पारित करने का प्रयास किया गया, तो सरकारों के पास बहुमत नहीं था और वे अपने गठबंधन सहयोगियों पर निर्भर थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘आप (मोदी) भाग्यशाली हैं कि आपके पास संसद में बहुमत है और आप इसे पारित कराने में सफल हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं आपसे 2024 के आम चुनावों से पहले महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने पर विचार करने का आग्रह करता हूं। 1996 और 2008 में प्रस्तुत विधेयक के मसौदों में उपयुक्त संशोधन किए जा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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