इजराइल दूतावास के पास विस्फोट मामले में ‘अज्ञात’ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, छह से पूछताछ

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अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने घटनास्थल से एक घड़ी का टूटा हुआ डायल और कुछ छर्रे बरामद किए हैं। हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी कि विस्फोट में उनका इस्तेमाल किया गया था। जांच अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) की प्रयोगशाला से रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं, जहां विस्फोट में इस्तेमाल की गई सामग्रियों का पता लगाने के लिए मौके से एकत्र किए गए नमूने भेजे गए हैं। घटना के संबंध में पुलिस ने 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिन्होंने विस्फोट की तेज आवाज सुनने का दावा किया था।

राष्ट्रीय राजधानी में इजराइल दूतावास के पास हुए विस्फोट मामले में दिल्ली पुलिस ने ‘अज्ञात’ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और करीब छह संदिग्धों से पूछताछ की। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी के अनुसार, ‘गहरी साजिश का पता लगाने’ के लिए मामले को दिल्ली पुलिस की आतंकवाद-निरोधक इकाई, विशेष प्रकोष्ठ को सौंपने का निर्णय लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि एक पुलिस अधिकारी की शिकायत पर शुक्रवार रात तुगलक रोड पुलिस थाने में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-तीन (जीवन या संपत्ति को खतरे में डालने वाला विस्फोट करना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 427 (नुकसान पहुंचाने का कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि शनिवार को संदिग्धों से पूछताछ की गई।

यह विस्फोट मंगलवार शाम को पृथ्वीराज रोड पर प्लॉट संख्या-4 पर स्थित ‘नंदा हाउस’ और प्लॉट संख्या-2 पर स्थित केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान की चारदीवारी वाले क्षेत्र में हुआ। इस क्षेत्र में झाड़ियां और पेड़-पौधें हैं तथा कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। यह जगह पृथ्वीराज रोड के समानांतर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर इजराइली दूतावास के पीछे है। घटनास्थल से इजराइली राजदूत को ‘अभद्र’ में संबोधित एक पत्र बरामद किया गया था। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, अंग्रेजी में लिखे गए एक पेज के इस पत्र का संबध ‘सर अल्लाह रेसिस्टेंस’ नामक संगठन से होने का संदेह हैं। इसमें ‘यहूदी’, ‘फलस्तीन’ और ‘गाजा’ जैसे शब्दों का जिक्र था। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि वे प्राथमिकी दर्ज करेंगे, क्योंकि उसे इजराइली राजदूत को धमकी देने की साजिश की ओर इशारा करने वाले ‘महत्वपूर्ण सबूत’ मिले हैं।

मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने घटनास्थल के आसपास लगे कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला, जिसमें उन्हें एक संदिग्ध नजर आया, जो एक ऑटोरिक्शा में जामिया नगर से आया था। पुलिस ने 10 ऑटोरिक्शा चालकों से पूछताछ की है, जिसमें विस्फोट होने से पहले संदिग्ध को घटनास्थल पर लाने वाला चालक भी शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने घटनास्थल से एक घड़ी का टूटा हुआ डायल और कुछ छर्रे बरामद किए हैं। हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी कि विस्फोट में उनका इस्तेमाल किया गया था। जांच अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) की प्रयोगशाला से रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं, जहां विस्फोट में इस्तेमाल की गई सामग्रियों का पता लगाने के लिए मौके से एकत्र किए गए नमूने भेजे गए हैं। घटना के संबंध में पुलिस ने 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिन्होंने विस्फोट की तेज आवाज सुनने का दावा किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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