किसान संगठन ने Mob Lynching के खिलाफ कानून लाने की मांग की

All India Kisan Sabha
प्रतिरूप फोटो
ANI

एआईकेएस ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को उसके और अखिल भारतीय कृषि श्रमिक संघ (एआईएडब्ल्यूयू) के प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। बयान में आरोप लगाया गया कि यह घटना एक ‘‘सुनियोजित हत्या’’ थी।

नयी दिल्ली। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने शनिवार को भीड़ द्वारा पीटकर हत्या और घृणा अपराध के खिलाफ कड़े कानून की मांग की। पिछले महीने छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर भीड़ द्वारा पीटकर मार दिए गए तीन मवेशी परिवाहकों के परिवारों से यहां मुलाकात के बाद एआईकेएस ने यह मांग की। एआईकेएस ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को उसके और अखिल भारतीय कृषि श्रमिक संघ (एआईएडब्ल्यूयू) के प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। बयान में आरोप लगाया गया कि यह घटना एक ‘‘सुनियोजित हत्या’’ थी। 

प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के बनत शहर में तहसीम कुरैशी और लखनौती गांव में चांद मियां और सद्दाम कुरैशी के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें 1-1 लाख रुपये के चेक सौंपे। सात जून को छत्तीसगढ़ के महासमुंद-रायपुर सीमा पर महानदी पुल के पास मवेशी ले जा रहे इन तीनों लोगों की हत्या कर दी गई थी। एआईकेएस ने आरोप लगाया, ‘‘ये सुनियोजित हत्याएं चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के तीन दिन बाद ही हुईं, जिसमें नरेन्द्र मोदी और भाजपा-राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन तीसरी बार सत्ता में आए। इसके बाद कई राज्यों में (राष्ट्रीय स्वयंसेवक) संघ परिवार के अपराधियों द्वारा मुसलमानों पर इसी तरह के हमले किए गए।’’ 

प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सदस्य और एआईएडब्ल्यूयू के कोषाध्यक्ष वी. शिवदासन, एआईकेएस के अध्यक्ष अशोक धावले और महासचिव विजू कृष्णन सहित अन्य शामिल थे। एआईकेएस ने छत्तीसगढ़ सरकार से प्रत्येक मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और प्रत्येक पीड़ित के एक परिजन को स्थायी नौकरी देने की मांग की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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