नहीं माने किसान, सरवन सिंह पंढेर का ऐलान- 14 दिसंबर को फिर से शुरू करेंगे दिल्ली मार्च

farmers
ANI
अंकित सिंह । Dec 10 2024 5:33PM

पंधेर ने कहा कि उनके विरोध प्रदर्शन को अब 303 दिन हो गए हैं और न्याय की मांग को लेकर किसानों का अनशन 15वें दिन पर पहुंच गया है। पंधेर ने इस बात पर जोर दिया कि किसान हमेशा बातचीत के लिए खुले हैं, लेकिन उनके प्रयासों के बावजूद सरकार ने उनसे संपर्क नहीं किया है।

किसानों ने सरकार की ओर से बातचीत के लिए निमंत्रण न मिलने का हवाला देते हुए 14 दिसंबर को एक बार फिर दिल्ली मार्च करने की योजना की घोषणा की है। किसान नेताओं ने कहा कि 101 किसानों का एक समूह इस विरोध प्रदर्शन के तहत दिल्ली जाएगा। इस कदम का उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य और ऋण माफी के लिए कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों के लिए सरकार पर दबाव डालना है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने घोषणा की कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान 14 दिसंबर को एक बार फिर दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। 

इसे भी पढ़ें: Parliament Diary: अडानी-सोरोस मुद्दे पर बीजेपी-कांग्रेस में टकराव, नहीं चल सके दोनों सदन

पंधेर ने कहा कि उनके विरोध प्रदर्शन को अब 303 दिन हो गए हैं और न्याय की मांग को लेकर किसानों का अनशन 15वें दिन पर पहुंच गया है। पंधेर ने इस बात पर जोर दिया कि किसान हमेशा बातचीत के लिए खुले हैं, लेकिन उनके प्रयासों के बावजूद सरकार ने उनसे संपर्क नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा बातचीत का स्वागत किया है, लेकिन सरकार की ओर से किसी ने भी हमसे संपर्क नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कल (बुधवार) हम अपने आंदोलन की सफलता के लिए प्रार्थना करेंगे। हम उन किसानों की रिहाई की भी मांग करते हैं जिन्हें विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है। 

इसे भी पढ़ें: Parliament Diary: जॉर्ज सोरोस और अदाणी मुद्दे पर संसद में हंगामा, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित

पंधेर ने फिल्मी सितारों, गायकों और धार्मिक नेताओं से विरोध को प्रचारित करके उनके मुद्दे का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं उनसे हमारे हित के लिए आवाज उठाने का अनुरोध करता हूं। किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए है। उस समय सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया गया था। किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। किसान 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़