वैक्सीन की कमी न पड़े, इसलिए उठाए जा रहे कदम, कोवैक्सीन की एक्सपायरी 6 महीने से बढ़ाकर 12 महीने हुई, स्टॉक को किया जाएगा री-लेबल
डीसीजीआई को सौंपे गए स्टडी के आंकड़ों के बाद यह फैसला लिया गया है, जिसमें अध्ययनों से पता चला है कि टीका 12 महीने तक सही रहता है। इससे पहले वैक्सीन को केवल छह महीने तक इस्तेमाल करने की अनुमति थी।
भारत बायोटेक अपने अप्रयुक्त कोविड -19 टीकों, कोवैक्सिन के स्टॉक वापस मंगवा रहा है और उन्हें एक अद्यतन समाप्ति तिथि के साथ फिर से रि लेबल कर रहा है। यह भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा वैक्सीन की एक्सपायरी डेट को नौ से बढ़ाकर 12 महीने करने की मंजूरी के बाद किया गया है। डीसीजीआई को सौंपे गए स्टडी के आंकड़ों के बाद यह फैसला लिया गया है, जिसमें अध्ययनों से पता चला है कि टीका 12 महीने तक सही रहता है। इससे पहले वैक्सीन को केवल छह महीने तक इस्तेमाल करने की अनुमति थी।
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हर टीके की खुराक की एक्सपायरी डेट होती है। शेल्फ जीवन का निर्धारण विभिन्न परीक्षणों के बाद किया जाता है ताकि यह आकलन किया जा सके कि एक टीका कितने समय तक विभिन्न वातावरणों और तापमानों में स्थिर और उपयोगी रह सकता है। देशभर में एक से दो लाख से ज्यादा वैक्सीन नहीं होंगी जिन्हें रि-लेबलिंग करने की आवश्यकता पड़ेगी। भारत बायोटेक ने इस्तेमाल नहीं हुई इन वैक्सीन को कलेक्ट करने के लिए पिक अप फैसिलिटी भी उपलब्ध कराई है। सूत्रों ने बताया कि, कंपनी अस्पतालों से पूरा स्टॉक उठा रही है और उन्हें स्टोरेज कर रही है।
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इस स्टॉक का उपयोग चल रहे टीकाकरण अभियान और 15-18 आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण के लिए किया जाएगा, जो सोमवार से शुरू होने वाला है। इस बीच, CoWIN ऐप ने रविवार शाम तक छह लाख से अधिक पंजीकरण दर्ज किए हैं क्योंकि भारत 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण करने के लिए तैयार है। इस आयु वर्ग के लिए वैक्सीन विकल्प स्वदेश में विकसित भारत बायोटेक का कोवैक्सिन होगा।
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