2022 तक देश के सभी गांवों में संचार सम्पर्क स्थापित करने का लक्ष्य : रविशंकर प्रसाद
सरकार ने बुधवार को बताया कि राष्ट्रीय ब्राडबैंड मिशन के तहत आप्टिकल फाइबर, रेडियो नेटवर्क एवं उपग्रह सहित अन्य प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करते हुए वर्ष 2022 तक पश्चिम चंपारण के गांवों सहित देश के सभी गांव तक सम्पर्क स्थापित करना है।
नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को बताया कि राष्ट्रीय ब्राडबैंड मिशन के तहत आप्टिकल फाइबर, रेडियो नेटवर्क एवं उपग्रह सहित अन्य प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करते हुए वर्ष 2022 तक पश्चिम चंपारण के गांवों सहित देश के सभी गांव तक सम्पर्क स्थापित करना है। लोकसभा में डा. संजय जायसवाल के प्रश्न के उत्तर में संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी। देश में डिजिटल सम्पर्क की व्यवस्था को मजबूत बनाने की जरूरत संबंधी सुप्रिया सुले के पूरक प्रश्न के उत्तर में प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रतिबद्धता देश में संचार आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने की है।
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उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब देश में सड़क, राजमार्ग, हवाई मार्ग बंद थे तब आईटी, मोबाइल और इंटरनेट सेवा के माध्यम से ही देश गतिशील रहा। उन्होंने कहा कि एक ओर वर्क फ्राम होम से काम को सुगम बनाया गया, तो दूसरी ओर भारी संख्या में छात्रों को डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्रदान की गई। प्रसाद ने कहा कि अदालती कामकाज पर नजर डालें तो इस अवधि में उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं अन्य अदालतों ने डिजिटल माध्यम से 70 लाख मामलों की सुनवाई की।
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उन्होंने यह भी कहा कि देश में 70 करोड़ स्मार्ट फोन हैं और इसमें से अच्छी खासी संख्या देश के ग्रामीण इलाकों में हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार भारतनेट, ब्राडबैंड और उपग्रह संचार के माध्यम से देश के सुदूर क्षेत्रोंदूरसंचार की पहुंच को कायम कर रही है। भाजपा सांसद हेमामालिनी के मथुरा में बेहतर संचार सुविधा प्रदान करने की मांग पर प्रसाद ने कहा, ‘‘हमने विभाग को निर्देश दिया है कि धार्मिक क्षेत्रों सहित सभी पर्यटक स्थलों में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाए, चाहे, बद्रीनाथ-केदारनाथ हो या काशी-मथुरा अथवा अजमेर शरीफ हो।
NIA ने request किया है under proper authorization कि मनसुख हिरेन की मृत्यु या हत्या की जांच उन्हें दी जाए जो अभी तक महाराष्ट्र सरकार ने नहीं दी है।अगर उस पूरे मामले की जांचNIA कर रही है और उस गाड़ी के मालिक की संदेहास्पद मृत्यु होती है तो वह जिम्मेदारीNIA को क्यों नहीं दी जा रही? pic.twitter.com/LhC3ArAzdE
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) March 23, 2021
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