चीन के सामने सरकार का समर्पण शर्मनाक, मोदी-जिनपिंग बातचीत पर ओवैसी का निशाना
ओवैसी ने कहा कि चीन के सामने सरकार का समर्पण शर्मनाक है। ओवैसी ने कहा कि सीमा विवाद राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। मोदी सैनिकों पर भरोसा नहीं कर सकते क्या? एआईएमआईएम नेता ने पूछा कि आखिर मोदी क्या छिपाना चाहते हैं।
ओवैसी ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शी जिनपिंग संग मुलाकात को लेकर निशाना साधा है और इसे चीन के सामने सरकार का समर्पण करार दिया है। मोदी जिनपिंग मुलाकात पर असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि चीन के सामने सरकार का समर्पण शर्मनाक है। ओवैसी ने कहा कि सीमा विवाद राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। मोदी सैनिकों पर भरोसा नहीं कर सकते क्या? एआईएमआईएम नेता ने पूछा कि आखिर मोदी क्या छिपाना चाहते हैं।
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अलग-अलग देशों के संगठन ब्रिक्स की शिखर वार्ता हुई थी और अनऔपचारिक तौर पर शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत के संबंधों में सुधार साझा हितों को पूरा करता है और यह क्षेत्र एवं दुनिया में शांति और स्थिरता लाने में सहायक होगा। भारतीय सूत्रों ने कहा कि द्विपक्षीय बैठक को लेकर चीनी पक्ष की ओर से एक अनुरोध लंबित है। उन्होंने बताया कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने ‘नेताओं के लाउंज’ में अनौपचारिक बातचीत की थी।
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यह पहली बार है कि पीएम मोदी ने सीधे शी के सामने सीमा मुद्दा उठाया है। नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में दोनों के बीच हुई आखिरी अनौपचारिक बातचीत में - मई 2020 के घातक गलवान संघर्ष के बाद पहली बार - पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी के साथ शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में बात की।
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