चुनावी नतीजे अप्रत्याशित नहीं, हारी हुई मानसिकता के साथ लड़ी पार्टी : पृथ्वीराज चव्हाण
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी पराजित मानसिकता के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी, इसलिए ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि पार्टी के जिन नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठन में सुधारों की आवश्यकता के बारे में लिखा था, वे इस मुद्दे पर फिर से चर्चा करेंगे।
मुंबई| कांग्रेस संगठन में सुधार की मांग करने वाले ‘समूह- 23’ का हिस्सा रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बृहस्पतिवार को कहा कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम निराशाजनक हैं, लेकिन अप्रत्याशित नहीं हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी पराजित मानसिकता के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी, इसलिए ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि पार्टी के जिन नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठन में सुधारों की आवश्यकता के बारे में लिखा था, वे इस मुद्दे पर फिर से चर्चा करेंगे।
कांग्रेस गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर करने में विफल रही, जबकि पंजाब में अपनी सत्ता को बरकरार नहीं रख सकी और उसे आम आदमी पार्टी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा।
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि गोवा में कांग्रेस विधायकों के मुद्दों और उनकी समस्याओं का ठीक से समाधान नहीं किया गया और वे अन्य पार्टियों में शामिल हो गए।
कांग्रेस गोवा में पूरी ताकत के साथ लड़ी, लेकिन वह काफी हद तक नये चेहरों पर निर्भर थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन ने मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी, लेकिन यह महसूस किया गया कि जातिगत समीकरण पार्टी के पक्ष में काम करेंगे जबकि ऐसा नहीं हुआ।
चव्हाण ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी ने अकेले ही चुनाव लड़ाऔर पूरी पार्टी को उनका समर्थन करना चाहिए था, जिस तरह से भाजपा अपने नेताओं का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के कांग्रेस नेताओं को उत्तर प्रदेश के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि अगर हरीश रावत को समय पर मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाता तो उत्तराखंड में कांग्रेस की स्थिति कुछ अलग हो सकती थी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पंजाब में जीत के बाद आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय विकल्प के रूप में उभरेगी।
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