ज्वालामुखी मंदिर में मारपीट के दौरान बुजुर्ग महिलायें व बच्चे भी बुरी तरह जख्मी हुये हैं
पंजाब के मजीठा से आये श्रद्धालुओं को यहां मंदिर परिसर में बुरी तरह पीटा गया। मंदिर में गुंडागर्दी करने वालों ने बाद में बस अड्डे तक उनका पीछा किया और वहां मेडिकल स्टोर के बाहर दोबारा पीटा गया। इस मारपीट में कुछ बुजुर्ग , महिलायें व बच्चे तक बुरी तरह जख्मी हुये हैं। जिनकी हालत बद से बदतर हो गई। घायल तीर्थ यात्रा इन दिनों सदमे में हैं।
ज्वालामुखी । हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल ज्वालामुखी में गुंडागर्दी का नजारा सरेआम देखा गया। अराजक तत्वों ने सरे बाजार पंजाब के मजीठा से आये श्रद्धालुओं को बुरी तरह पीटा। लेकिन न तो प्रशासन न ही पुलिस ने उनकी कोई मदद की। स्थानीय अस्पताल में भी उन्हें कोई दवा दारू तक नहीं मिला। जिससे ज्वालामुखी में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
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दरअसल, पंजाब के मजीठा से आये श्रद्धालुओं को यहां मंदिर परिसर में बुरी तरह पीटा गया। मंदिर में गुंडागर्दी करने वालों ने बाद में बस अड्डे तक उनका पीछा किया और वहां मेडिकल स्टोर के बाहर दोबारा पीटा गया। इस मारपीट में कुछ बुजुर्ग , महिलायें व बच्चे तक बुरी तरह जख्मी हुये हैं। जिनकी हालत बद से बदतर हो गई। घायल तीर्थ यात्रा इन दिनों सदमे में हैं।
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अमृतसर के मेन बाजार में मेडिकल स्टोर चलाने वाले वाले अजय कुमार ने अपनी आपबीती बताते हुए कई रौंगटे खडे करने वाले खुलासे किये हैं। जिससे मंदिर में अराजक तत्वों के बोलबाले की नई तस्वीर सामने आई है। और ज्वालामुखी में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हो गये है। हैरानी की बात है कि पीड़ितों को पुलिस तक से समुचित सहयोग तक नहीं मिल पाया। और जान बचाकर यह लोग वहां से निकले।
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मजीठा के अजय कुमार ने बताया कि वह लोग पंजाब के जिला अमृतसर के मजीठा से ज्वालादेवी को दर्शन करने के लिये निकले थे। व रात करीब आठ बजे धर्मशाला से निकले और कुछ देर बाद मंदिर में पहुंचे। उनके ग्रुप में करीब 50 लोग थे। सभी लोग दर्शन करने के बाद शैया भवन के पास बैठ गये और भजन कीर्तन करने लगे। दन्हें पहले ही पता था कि मंदिर दस बजे बंद हो जाता है। इस लिहाज से वहां कीर्तन करने लगे। इस दौरान वहां एक शख्स जिसने नीली वर्दी पहनी थी व दूसरा जिसने खाकी वर्दी पहनी थी। उनके पास आये और और उनसे बदतमीजी करने लगे। कि वहां से उठ जाओं मंदिर बंद हो जायेगा। उतने में एक ने पतली लाठी से उन पर प्रहार कर दिया। जब उन लोगों ने उससे बदतमीजी करने का कारण पूछना चाहा तो वहां कुछ और लोग आ गये और शैया भवन में पूजा करवाने वाले पुजारी ने भी उनसे गाली गलौज शुरू कर दी। जिससे माहौल बिगड़ गया। व उनके साथ आये बुजुर्ग , बच्चों व महिलाओं को भी चोटें लगीं। हालात इस कदर भयानक बन गये कि मंदिर का मेन गेट बंद कर उन्हें वहां ही मारने कि तैयारी कर ली गई थी।
लेकिन बीच बचाव कर वह लोग वहां से भागकर ज्वालामुखी बस अड्डे पर पहुंचे तो वहां मेडिकल स्टोर पर दवाई लेने के लिये पहुंचे तो मेडिकल स्टोर वाले ने भी उनकी कोई मदद नहीं की। उल्टे उनके साथ बदतमीजी की। इतनी देर में मंदिर की ओर से युवाओं का एक भारी जत्था मेडिकल स्टोर के पास पहुंचा और उन पर टूट पडा। जिससे वहां अफरा तफरी के महौल में कई लोगों को चोटें लगीं।
हालात बिगडते देख अजय कुमार अपने मोबाइल से पुलिस थाना ज्वालामुखी से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई। उसके बाद वहां तीन पुलिस वाले पहुंचे और उन्हें थाना ले आये। उसके बाद ज्वालामुखी पुलिस थाना से उन्हें सिविल अस्पताल ज्वालामुखी लाया गया। पुलिस वाले मेडिकल करवाने लाये थे। लेकिन यहां भी मंदिर से आये अराजक तत्वों ने डॉक्टरों को डराया धमकाया। और मेडिकल करवाने में बाधा उत्पन्न की। पुलिस उसके बाद उन्हें थाना वापिस ले आई। अजय कुमार ने बताया कि यहां पर पुलिस थाना में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें डराना धमकाना शुरू कर दिया। वहां पर मंदिर से आये लोगों ने उनके साथ दोबारा से बदतमीजी करनी शुरू कर दी। इस दौरान थाना में तैनात एक कर्मी जिसके कंधे पर सिंगल स्टार लगा था। उन लोगों को थाने में ही समझौता कराने के लिये विवश किया। वह लोग इस मामले में कुछ भी नहीं कर पाये। व उन्होंने अपनी मरहम पट्टी भी पंजाब में आकर करवाई।
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