हिंसा प्रभावित मणिपुर में केंद्रीय बल की आठ और कंपनियां पहुंचीं
केंद्र ने हाल ही में घोषणा की है कि मणिपुर में सीएपीएफ की 50 नई कंपनियां तैनात की जाएंगी। राज्य में हिंसा बढ़ गई है और पिछले सप्ताह पहाड़ी जिले जिरीबाम में कांग्रेस और भाजपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई।
मणिपुर में हिंसा बढ़ने के बीच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की आठ कंपनियां राज्य की राजधानी इंफाल पहुंच गई हैं जिन्हेंसंवेदनशील एंव सीमांत क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। ये बल बुधवार को इंफाल पहुंचे।
एक दिन पहले ही सीएपीएफ की 11 कंपनियों का एक और जत्था राज्य में पहुंचा था। अधिकारी ने कहा, सीआरपीएफ और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की चार-चार कंपनियां राज्य के संवेदनशील और सीमांत क्षेत्रों में तैनात की जाएंगी। सीआरपीएफ की कंपनियों में से एक महिला बटालियन की है।
केंद्र ने हाल ही में घोषणा की है कि मणिपुर में सीएपीएफ की 50 नई कंपनियां तैनात की जाएंगी। राज्य में हिंसा बढ़ गई है और पिछले सप्ताह पहाड़ी जिले जिरीबाम में कांग्रेस और भाजपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई।
सुरक्षा बलों ने शनिवार शाम मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर धावा बोलने की आंदोलनकारियों की कोशिश को विफल कर दिया। हिंसा तब और बढ़ गई जब 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी के बाद जिरीबाम जिले में एक राहत शिविर से मेइती समुदाय की तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गए।
इस मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए। पिछले कुछ दिनों में इन छह लापता लोगों के शव बरामद किए गए। पिछले साल मई से इम्फाल घाटी स्थित मेइती और आसपास की पहाड़ियों पर बसे कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
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