छत्तीसगढ़ में सुरक्षा, विश्वास, विकास की रणनीति के कारण नक्सलवाद पर प्रभावी अंकुश लगा : राज्यपाल
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि राज्य में सुरक्षा, विश्वास और विकास की रणनीति सफल रही है, जिसके कारण नक्सलवाद पर प्रभावी अंकुश लगा है और इससे नक्सल प्रभावित अंचलों में भी विकास की रोशनी पहुंची है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि राज्य में सुरक्षा, विश्वास और विकास की रणनीति सफल रही है, जिसके कारण नक्सलवाद पर प्रभावी अंकुश लगा है और इससे नक्सल प्रभावित अंचलों में भी विकास की रोशनी पहुंची है। उइके ने बुधवार को राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने राज्य के लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उइके ने समारोह में जनता के नाम संदेश में कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की जड़ें काफी गहरी हैं। मेरी सरकार ने इन जड़ों को न्याय की योजनाओं से सींचा है।
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आदिवासियों पर थोपे गए मुकदमे वापस लेने, चिटफंड कंपनियों द्वारा की गई अमानत में खयानत जैसे प्रकरणों से भी जनता को राहत दिलाने के काम तेजी से किए जा रहे हैं। सुरक्षा, विश्वास और विकास की रणनीति सफल रही है जिसके कारण नक्सलवाद पर प्रभावी अंकुश लगा है। नक्सल प्रभावित अंचलों में भी विकास की रोशनी पहुंची है।’’ राज्यपाल ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी ने एक बार फिर देश और दुनिया के सामने संकट खड़ा कर दिया है। कोविड दिशानिर्देश का पालन करते हुए खुद को तथा आसपास के लोगों को संक्रमण से बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर उपचार की हर संभव तैयारी की है। मैं अपील करती हूं कि आप सब सावधानी के साथ रहें तथा इस संकट से राज्य को बाहर निकालने में मदद करें।’’ उन्होंने कहा कि संतोष का विषय है कि छत्तीसगढ़ में कृषि के साथ ग्रामीण और वन अंचलों में नए-नए रोजगार के अवसरों की अलख जगाई गई।
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मेरी सरकार की आकर्षक नीतियों और योजनाओं के कारण परम्परागत किसान और उनकी नयी पीढ़ी अब फिर बड़े पैमाने पर खेती-किसानी के काम से जुड़ी हैं। सरकारी, अर्द्धसरकारी, औद्योगिक तथा निजी क्षेत्र के दरवाजे नौकरी, रोजगार, स्वरोजगार के लिए खुले हैं। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में उद्योग तथा कारोबार के क्षेत्र में भी कई रियायतें दी गईं। जन-सामान्य को भी अनेक तरह की आर्थिक राहत देकर उनकी क्रय शक्ति बढ़ाई गई। इस तरह से प्रदेश में अर्थव्यवस्था को संभाला गया जिसके कारण हर स्तर पर मनोबल मजबूत हुआ। इन प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर तीन साल में दूसरी बार दो प्रतिशत के निकट पहुंची है। पहले छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से अधिक थी जिसमें 20 प्रतिशत की गिरावट आना बहुत ही सुखद संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य के 14 आदिवासी बहुल जिलों के 25 विकासखण्डों में एक हजार 742 करोड़ रुपए की लागत से ‘चिराग’ परियोजना स्वीकृत की गई है।
इससे आदिवासी अंचल के कृषकों की कृषि आय में बढ़ोत्तरी, पौष्टिक भोजन की उपलब्धता के साथ ही कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन से किसानों को बहुआयामी लाभ होगा। उइके ने कहा, ‘‘राज्य में श्रमिकों के सम्मान और स्वावलंबन के लिए अनेक नयी योजनाएं लागू की गई हैं। ‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपए देने की घोषणा पर अमल गणतंत्र दिवस के बाद होने वाला है। इस योजना की पहली किस्त एक फरवरी को प्रदान की जाएगी। इसमें शामिल परिवारों को बधाई और शुभकामनाएं प्रदान करती हूं।’’ राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में आठ हजार 980 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया।
आठ नक्सल प्रभावित जिलों में चार हजार 472 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं, जो अपने आप में एक अतुलनीय उपलब्धि है। उन्होंने कहा, ‘‘बंद और बीमार उद्योगों को पुनः जीवित करने के लिए वित्तीय संस्थाओं से नयी इकाई के रूप में अनुदान की पात्रता देने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़ है। राज्य में महामारी के समय में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए, संकटग्रस्त उद्योगों को बचाने के लिए विद्युत शुल्क में रियायत, परिवहन कारोबारियों को ‘वन टाइम सेटलमेंट’ के तहत करों में आंशिक कर माफी जैसी कई राहत प्रदान की गई है।’’ राज्यपाल ने इस दौरान कहा, ‘‘हमारे संविधान और गणतंत्र की मूल भावना के सम्मान की वजह से छत्तीसगढ़ राज्य और यहां के समस्त निवासियों का भविष्य उज्ज्वल है। आइए हम सब मिलकर राज्य में शांति, सद्भाव और विकास के नए कीर्तिमान रचने का संकल्प दोहराएं।’’ राज्य में कोविड-19 के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम के दौरान कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।
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