सत्ता गंवाने के डर से कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाई: मेघवाल

Arjun Ram Meghwal
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सचिवों को लेकर दिए गए बयान पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी जयपुर में यही बात दोहरा रहे थे कि केंद्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से तीन सचिव हैं। राहुल गांधी को नहीं पता कि वह अपनी (पूर्व) सरकार की प्रशंसा कर रहे थे या आलोचना?’’

केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को दावा किया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाई क्योंकि उसे सत्ता खोने का डर था।

उन्होंने कांग्रेस पर महिला आरक्षण विधेयक को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। मेघवाल ने कहा, ‘‘संप्रग सरकार 2004 में इस विधेयक को लेकर आई तो उसने सोचा कि पहले इस विधेयक को राज्यसभा में पारित कराया जाए। जहां यह पारित हो गया। उसके बाद जब यह विधेयक लोकसभा में लाया गया तो इसपरहंगामा हुआ। हंगामे के कारण कांग्रेस इसे पारित कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।’’

मेघवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकसभा में हमारी (तत्कालीन) विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा था कि हम विधेयक का समर्थन करेंगे। लेकिन कांग्रेस को लगा कि जो दल विधेयक का विरोध कर रहे हैं, अगर उसने अपना समर्थन वापस ले लिया, तो वह सत्ता से बाहर हो जाएगी। इसलिये उसने सत्ता को प्राथमिकता दी और विधेयक को प्राथमिकता नहीं दी।’’

उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सचिवों को लेकर दिए गए बयान पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी जयपुर में यही बात दोहरा रहे थे कि केंद्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से तीन सचिव हैं। राहुल गांधी को नहीं पता कि वह अपनी (पूर्व) सरकार की प्रशंसा कर रहे थे या आलोचना?’’

मेघवाल ने कहा कि राहुल गांधी को मालूम होना चाहिए कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के ये सभी अधिकारी 1990 बैच के हैं और तब कांग्रेस की सरकार थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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