ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर बोले दिग्विजय सिंह, आंदोलन को गलत रास्ते पर दिखाने का षड्यंत्र था
बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है। राजपथ से लालकिला तक हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हुई। किसानों का दो महीने से जारी प्रदर्शन अब तक शांतिपूर्ण रहा था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह अब किसानों के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कल जिस तरीके से किसानों के ट्रैक्टर परेड में हिंसा और उत्पात मचाया गया उससे जाहिर होता है कि इस आंदोलन को गलत रास्ते पर दिखाने का षड्यंत्र रचा गया था। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसानों ने 15 लोगों को पकड़कर दिल्ली पुलिस को दिया है। उनके पास सरकारी मुलाजिम होने का पहचान पत्र मिला है। यह आंदोलन को गलत रास्ते पर दिखाने का षड्यंत्र था।लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा नहीं था, पहले तिरंगा झंडा था उसके नीचे किसान यूनियन और खालसा का झंडा था।
आपको बता दें कि किसानों की मांगों को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर मंगलवार को निकाली गयी ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए। बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है। राजपथ से लालकिला तक हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हुई। किसानों का दो महीने से जारी प्रदर्शन अब तक शांतिपूर्ण रहा था। गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर देश की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया जाता है। हालांकि, इस बार ट्रैक्टरों, मोटरसाइकिलों और कुछ घोड़ों पर सवार किसान तय समय से दो घंटे पहले बेरिकेड तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए।किसानों ने 15 लोगों को पकड़कर दिल्ली पुलिस को दिया है। उनके पास सरकारी मुलाजिम होने का पहचान पत्र मिला है। यह आंदोलन को गलत रास्ते पर दिखाने का षड्यंत्र था।लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा नहीं था, पहले तिरंगा झंडा था उसके नीचे किसान यूनियन और खालसा का झंडा था:दिग्विजय सिंह,कांग्रेस pic.twitter.com/3l8NJcIhJW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2021
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