दिग्विजय की मांग, दल बदल कानून को और सख्त बनाया जाना चाहिए
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Jun 8 2020 10:19AM
दिग्विजय ने यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं को बताया, (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी ने वर्ष 1985 में देश में सख्त दल बदल कानून लागू किया था। इस दल बदल कानून में बदलाव होना चाहिए।
भोपाल। देश में विधायकों के दल बदलने से सरकारें गिरने पर चिंता जाहिर करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि देश में दल बदल कानून में बदलाव कर और सख्त बनाना चाहिए। दिग्विजय ने यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं को बताया, (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी ने वर्ष 1985 में देश में सख्त दल बदल कानून लागू किया था। इस दल बदल कानून में बदलाव होना चाहिए।
उन्होंने कहा, इस कानून में बंदिश होनी चाहिए कि दल बदलने वाला (विधायक या सांसद) छह साल तक कोई चुनाव न लड़ सके और न ही कोई पद ले सके। दिग्विजय ने कहा कि आज मतदाताओं द्वारा देश में आये जनमत के साथ खरीद—फरोख्त हो रहा है। इसलिए इस दल बदल कानून को और सख्त बनाना चाहिए। उनसे सवाल किया गया था कि गुजरात में 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं। क्या मध्यप्रदेश में कांग्रेस के और विधायक भी भाजपा में जा सकते हैं? उन्होंने कहा, भाजपा ने बहुत सारा पैसा कमाया है और वह विधायकों की खरीद—फरोख्त की राजनीति कर रही है। दिग्विजय ने कहा, ‘‘ मध्यप्रदेश में अब कोई कांग्रेस विधायक भाजपा में नहीं जाएगा। जिनको जाना था, वे 22 बागी विधायक पहले ही मार्च में चले गये हैं। जिन्होंने कांग्रेस में रहने का निर्णय लिया है, उन्होंने कठिन परीक्षा पास कर ली है। इसलिए अब ऐसी स्थिति मध्यप्रदेश में नहीं होगी।’’तुलसी सिलावट -“माफ़ करो महाराज हमारा नेता शिवराज।”
— digvijaya singh (@digvijaya_28) June 8, 2020
समय बड़ा बलवान।अपने निजी स्वार्थ के लिये लोगों को पलटने में देर नहीं लगती। पर जनता सब जानती है और समझती है। केवल मौक़े का इंतज़ार करती है। pic.twitter.com/b2s3MZVi40
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मालूम हो कि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने तब 20 मार्च को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इस साल 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनी है।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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