Prabhasakshi NewsRoom: Cash King Congress MP Dhiraj Prasad Sahu ने आखिरकार तोड़ी चुप्पी, Black Money रखने के आरोपों पर दी सफाई
हम आपको यह भी बता दें कि ओडिशा में कांग्रेस एक सांसद के परिवार के स्वामित्व वाली शराब उत्पादन कंपनी और उससे जुड़ी कुछ कंपनियों के खिलाफ आयकर विभाग की छापेमारी शुक्रवार तड़के खत्म हुई थी। दस दिन तक चली छापेमारी में 351 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं।
कैश किंग के रूप में मशहूर हो चुके कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने अपने ठिकानों से बड़ी मात्रा में नकदी की बरामदगी के मुद्दे पर आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है। हम आपको बता दें कि धीरज साहू के ठिकानों पर दस दिन तक चली छापेमारी में जो नकदी बरामद हुई है वह आयकर विभाग की ओर से किसी भी छापेमारी के दौरान बरामद सबसे ज्यादा कैश है। इस मुद्दे को लेकर देश की सियासत भी गर्माई हुई है। संसद में भी यह मुद्दा उठाया गया। प्रधानमंत्री और कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी इसको लेकर कांग्रेस को घेरा लेकिन कांग्रेस ने अपने सांसद पर कोई कार्रवाई करने से परहेज किया। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी का उनके कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है।
अब धीरज साहू ने मीडिया के सामने आते हुए कहा है कि जो भी कैश बरामद हुआ है वह उनके परिवार से संबंधित व्यवसाय का है। उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि बरामद पैसा ब्लैक मनी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पैसे का कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है। धीरज साहू ने कहा है कि आयकर विभाग मामले की जांच कर रहा है और समय आने पर सारी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।
इसे भी पढ़ें: Dhiraj Sahu Row: कैस बरामदगी को लेकर PM का कांग्रेस पर तंज, 70 साल से उसकी डकैतियां प्रसिद्ध
हम आपको यह भी बता दें कि ओडिशा में कांग्रेस एक सांसद के परिवार के स्वामित्व वाली शराब उत्पादन कंपनी और उससे जुड़ी कुछ कंपनियों के खिलाफ आयकर विभाग की छापेमारी शुक्रवार तड़के खत्म हुई थी। दस दिन तक चली छापेमारी में 351 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं जिसे देश में अब तक किसी छापेमारी में जब्त “सबसे अधिक नकदी” बताया जा रहा है। ओडिशा और झारखंड के अंतिम बचे दो दल जब्त किए गए “अपराध में इस्तेमाल दस्तावेज” और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकाले गए डेटा लेकर शुक्रवार सुबह के समय परिसरों से रवाना हो गए। हम आपको याद दिला दें कि बौद्ध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ छह दिसंबर को छापेमारी शुरू हुई थी। बताया जा रहा है कि कर अधिकारियों ने इस दौरान वितरकों, कुछ हवाला संचालकों और कई कंपनियों के अलावा रांची में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के पारिवारिक आवास पर भी छापेमारी की। आयकर विभाग ने ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 30-34 परिसरों पर छापेमारी की और इस अभियान के दौरान लगभग तीन किलोग्राम सोने के आभूषण भी जब्त किए गए। 15 दिसंबर तड़के छापेमारी खत्म हो गई। बताया जा रहा है कि प्रक्रिया के अनुसार जांच इकाई ने पूरे अभियान की अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को भेज दी है। उल्लेखनीय है कि सीबीडीटी कर विभाग का प्रशासनिक निकाय है।
अन्य न्यूज़