ममता पर धनखड़ का फिर निशाना, राज्य में हिंसा और मानवाधिकारों को रौंदे जाने का आरोप

Dhankhad
प्रतिरूप फोटो

राजयपाल ने उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में हुगली नदी के तट पर स्थित गांधीघाट में कहा, ‘‘मैं बंगाल की पावन भूमि को (हिंसा में) रक्त से सनी हुई और मानवाधिकारों का गला घोंटने वाली धरती नहीं बनने दे सकता।

कोलकाता|  पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी तथा एक बार फिर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा।

राज्यपाल ने कहा कि वह राज्य में मानवाधिकारों को कुचले जाने की घटनाओं और हिंसा की ‘बाढ़’ को नहीं देख सकते।

धनखड़ ने कहा कि किसी भी प्रकार का ‘अपमान’ उन्हें अपने कर्तव्य पालन से विमुख नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हिंसा एवं लोकतंत्र एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने सभी से अपील की कि वे शांति और अहिंसा के दूत बनें, जो राष्ट्रपिता को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

राजयपाल ने उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में हुगली नदी के तट पर स्थित गांधीघाट में कहा, ‘‘मैं बंगाल की पावन भूमि को (हिंसा में) रक्त से सनी हुई और मानवाधिकारों का गला घोंटने वाली धरती नहीं बनने दे सकता।

उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी हो गयी है कि मानवाधिकार उल्लघंन के आरोपों की जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायाल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष को तथ्यान्वेषी समिति गठित करने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने कहा कि यह सुनिश्चित करना हर नागरिक का कर्तव्य है कि देश के संविधान के अनुरूप ‘समाज में शांति’ बहाल हो।

धनखड़ नेगत 25 जनवरी को भी विधानसभा परिसर में बी. आर. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि राज्य में राजनीतिक स्थिति ‘भयावह और डरावनी’ है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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