चीन की नेपाल पर बुरी नजर! श्रीलंका दौरा रोक पीएम मोदी से मिलने भारत आ रहे देउबा
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा 1-3 अप्रैल तक भारत के दौरे पर रहेंगे। वह 2 अप्रैल को प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा वह वाराणसी भी जाएंगे।
नेपाल में हाल कि दिनों में घटे घटनाक्रम से चीन बौखला गया है और इस बौखलाहट में चीन नेपाल की सियासत में बड़ा खेल खेलने वाला है। जिसका ताल्लुक नेपाल से तो होगा ही पर साथ ही साथ अमेरिका और भारत के साथ संबंधों पर भी असर डालेगा। फिलहाल इसकी शुरुआत हाल में हो रहे और होने जा रहे दौरों से शुरू हो चुकी है। अमेरिकी एजेंसी मिलेनियम चैलेंज कॉपरेशन को नेपाल द्वारा दी गई मंजूरी के बाद से चीन की तरफ से नेपाल पर एक्शन शुरू हो गया है। जिसमें कई दौरे होने हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी नेपाल पहुंचेंगे। वहीं चीनी विदेश मंत्री के नेपाल दौरे के बाद प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा तीन दिन की भारत यात्रा पर आ सकते हैं।
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नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा 1-3 अप्रैल तक भारत के दौरे पर रहेंगे। वह 2 अप्रैल को प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा वह वाराणसी भी जाएंगे। जुलाई 2021 में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा होगी। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, देउबा की यात्रा उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के निमंत्रण के बाद हो रही है, जिसे नेपाली नेता ने स्वीकार कर लिया है। यह यात्रा चीनी विदेश मंत्री वांग यी के 27 मार्च को अपनी तीन दिवसीय नेपाल यात्रा के समापन के तुरंत बाद होगी। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मौजूदा योजना के अनुसार देउबा 1 अप्रैल को दिल्ली की यात्रा करेंगे और अगले दिन मोदी और अन्य भारतीय राजनेताओं के साथ बातचीत करेंगे और 3 अप्रैल को स्वदेश लौटेंगे।
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श्रीलंका दौरा रोक कर भारत की यात्रा पर देउबा
गौरतलब है कि अमेरिकी प्रोजेक्ट को मंजूरी के बाद से नेपाल पर चीन का एक्शन शुरू हो गया। नेपाल के चीन समर्थित लोगों में इसको लेकर नाराजगी भी है। वामपंथी पार्टियां देउबा सरकार का विरोध करती दिखीं। देउबा श्रीलंका का दौरा रोक कर भारत के दौरे पर आ रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले जनवरी में, देउबा गुजरात में एक व्यापार शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा करने वाले थे। लेकिन कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर के मद्देनजर शिखर सम्मेलन स्थगित होने के बाद यात्रा रद्द कर दी गई थी। हालांकि, देउबा और मोदी पिछले साल नवंबर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से इतर ग्लासगो में मिले थे। अधिकारियों ने कहा कि सीमा पार रेलवे सहित नेपाल और भारत के बीच कुछ समझौते होने की संभावना है, जो कुछ समय से चर्चा में हैं।
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