The American Dream Part 3| H-1B वीजा हासिल करना बना बड़ी चुनौती | Teh Tak
एच-1बी नॉन-इमिग्रेंट वीजा प्रोग्राम अमेरिकी नियोक्ताओं को विशेष व्यवसायों में अस्थायी रूप से विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। ऐसे व्यवसायों को कानून इस रूप में परिभाषित करता है कि उनके लिए अत्यधिक विशिष्ट ज्ञान और विशिष्ट विशेषता में स्नातक (बैचलर) या उच्च डिग्री या इसके समकक्ष योग्यता की आवश्यकता होती है।
बहुत से लोगों के लिए एच-1बी वीजा हासिल करना सबसे बड़ी चुनौती रहा है। स्किल भारतीय वर्कर्स इसी वीजा के जरिए अमेरिका जाते हैं। लेकिन इसे हासिल करना भी अपने आप में एक चुनौती है। इसकी मुख्य वजह हर साल एक सीमित संख्या में एच-1बी वीजा जारी होते हैं। अमेरिका हर साल केवल 65 हजार एच-1बी वीजा जारी करता है। एच-1बी वीजा पर लिमिट लगने की वजह से लॉटरी सिस्टम के जरिए इसे दिए जाने का प्रावधान किया गया। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए प्रीमियम प्रोसेसिंग शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की है। 12% की बढ़ोतरी के बाद नई फीस 2805 डॉलर हो जाएगी। यह बदलाव अगले साल 26 फरवरी को लागू होगा। 27 दिसंबर को घोषणा के अनुसार, फॉर्म I-129, I-140, I-539 और I-765 के लिए प्रीमियम प्रोसेसिंग फीस बढ़ गई है।
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क्या है H-1B Visa?
एच-1बी नॉन-इमिग्रेंट वीजा प्रोग्राम अमेरिकी नियोक्ताओं को विशेष व्यवसायों में अस्थायी रूप से विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। ऐसे व्यवसायों को कानून इस रूप में परिभाषित करता है कि उनके लिए अत्यधिक विशिष्ट ज्ञान और विशिष्ट विशेषता में स्नातक (बैचलर) या उच्च डिग्री या इसके समकक्ष योग्यता की आवश्यकता होती है।
जाते जाते बाइडेन ने कर दिया क्या बड़ा बदलाव
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने फैसलों से लगातार सभी को चौंका रहे हैं। इस बार उन्होंने एच-1 बी वीजा प्रोग्राम को लेकर बड़ा फैसला किया है। बाइडेन प्रशासन ने विशेष कौशल वाले विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने के लिए एच-1बी कार्यक्रम को आसान बना दिया है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम को आधुनिक बनाने के लिए एक अंतिम नियम की घोषणा की है, जिससे अमेरिकी कंपनियां महत्वपूर्ण नौकरी रिक्तियों को अधिक प्रभावी ढंग से भरने में सक्षम हो सकेंगी। अद्यतन नियम 17 जनवरी, 2025 को प्रभावी होगा।
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क्या होगा इसका असर
हाल के वर्षों में भारतीयों ने एच-1बी वीजा का बड़ा हिस्सा हथिया लिया है। इस अपडेट से अमेरिका में एफ-1 वीजा पर रहने वाले भारतीय छात्रों को भी फायदा होगा क्योंकि नए नियम उन्हें नौकरियों में स्थानांतरित करने में मदद करेंगे। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) के अनुसार, इन परिवर्तनों का उद्देश्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में श्रम आवश्यकताओं को संबोधित करना और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है। होमलैंड सिक्योरिटी के सचिव एलेजांद्रो एन मयोरकास ने कहा कि अमेरिकी व्यवसाय अत्यधिक कुशल प्रतिभाओं की भर्ती के लिए एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर भरोसा करते हैं, जिससे देश भर के समुदायों को लाभ होता है।
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