कोरोना वायरस के कारण लंबित हुई एकीकृत संघर्ष समूहों की तैनाती: सेना प्रमुख

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सेना ने विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर अपनी युद्धक क्षमता में आमूल-चूल सुधार के तहत पैदल सेना, तोपों, हवाई रक्षा उपकरणों, टैंकों एवं साजो-सामान इकाइयों को मिलाकर आईबीजी तैयार करने की योजना बनाई थी।

नयी दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि एकीकृत संघर्ष समूहों (आईबीजी) का व्यापक परीक्षण पूरा कर लिया गया है लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इनकी तैनाती में देरी हुई है। सेना ने विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर अपनी युद्धक क्षमता में आमूल-चूल सुधार के तहत पैदल सेना, तोपों, हवाई रक्षा उपकरणों, टैंकों एवं साजो-सामान इकाइयों को मिलाकर आईबीजी तैयार करने की योजना बनाई थी।

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सेना प्रमुख ने पीटीआई से कहा, ‘‘महामारी फैलने के कारण और महत्वपूर्ण संसाधनों को रोकथाम के प्रयासों में लगाये जाने की वजह से आईबीजी का परिचालन शुरू होने में देरी हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम उचित समय-सीमा के भीतर आईबीजी की तैनाती करना शुरू कर देंगे क्योंकि अवधारणा के स्तर पर जमीनी कार्य हो चुका है तथा महामारी का प्रकोप शुरू होने से पहले ही गहन परीक्षण भी हो चुका है।’’ सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि कोविड-19 की वजह से रक्षा उत्पादन और अधिग्रहण की प्रक्रियाओं में कुछ अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं, लेकिन यह अस्थायी दौर होगा।

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सेना ने कई साल तक विचार-मंथन के बाद चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर आईबीजी तैनात करने का फैसला किया था, जिससे युद्ध की स्थिति में त्वरित हमले करने में मदद मिलेगी। प्रत्येक आईबीजी की कमान एक मेजर जनरल संभालेंगे और इसमें करीब 5,000 सैनिक होंगे। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पिछले साल अक्टूबर में हुई भारत यात्रा से पहले भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में ‘हिम विजय’ अभ्यास किया था, जिसमें मुख्य रूप से आईबीजी की पर्वतीय क्षेत्र में लड़ाकू क्षमता का परीक्षण किया गया था।

प्रत्येक आईबीजी क्षेत्र की भौगोलिक संरचना और वहां खतरे की आशंकाओं पर विचार करके विशेष अभियान संबंधी जरूरतों के आधार पर तैयार किया जाएगा। क्या महामारी के कारण सेना के सैन्य खरीद कार्यक्रम पर असर पड़ेगा, इसके जवाब में जनरल नरवणे ने कहा कि अल्पकालिक रूप से कुछ असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा उत्पादन और अधिग्रहण विस्तृत और दीर्घकालिक प्रक्रियाएं हैं जिनमें अनेक प्रणालियों, उप प्रणालियों का संयोजन होता है तथा ये वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भर करती हैं। महामारी की वजह से कुछ अवरोध हो सकते हैं, लेकिन मुझे यह अस्थायी दौर लगता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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