'देश में बस नाम का है लोकतंत्र', अशोक गहलोत बोले- भाजपा जब विपक्ष में थी तो कई रैलियां हुईं, तब नहीं लगी कोई रोक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी का जो बहाना इन लोगों ने कर रखा है, लोग इससे बहुत दुखी हैं। लोग डर के कारण बोल नहीं पा रहे हैं, इतना भय पैदा हो गया है। सरकार समझ नहीं पा रही है। इस देश में लोकतंत्र बस नाम का है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है। इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि देश में भय का माहौल है और लोग डर के कारण बोल नहीं पा रहे हैं। इस देश में लोकतंत्र बस नाम का है।
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी का जो बहाना इन लोगों ने कर रखा है, लोग इससे बहुत दुखी हैं। लोग डर के कारण बोल नहीं पा रहे हैं, इतना भय पैदा हो गया है। सरकार समझ नहीं पा रही है। इस देश में लोकतंत्र बस नाम का है।
उन्होंने कहा कि असहमत व्यक्त करने वालों को आप जेल भेज रहे हो। इस पर ना मीडिया बोल रही है और ना जनता बोल पा रही है। अगर ये बात समझ नहीं आएगी तो लोग सड़कों पर उतरेंगे और सरकार को दिक्कत आएगी।
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में जो रोक लगी है, मैंने ऐसा कभी नहीं देखा। जब विपक्ष में भाजपा या अन्य पार्टियां थी तब भी कई रैलियां हुई हैं, कोई रोक नहीं लगी। अगर शांतिपूर्ण तरीके से कोई रैली निकलती है और लोग जुड़ते हैं तो इससे सरकार की आंखे खुलती हैं मगर ये सरकार इससे भी चूकना चाहती है।
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इससे पहले अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि किसी ने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश में ऐसा वक्त भी आएगा कि तिरंगों के लिए लोगों को समाप्त होते देखा जाएगा। कोई कल्पना नहीं कर सकता जिस रूप में संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। महंगाई, बेरोज़गारी, जीएसटी पर कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद चल रही है और मल्लिकार्जुन खड़गे को जांच के लिए बुलाया जाता है।
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