अशोक गहलोत ने भाजपा की सोच को बताया फासीवादी, बोले- देश में लोकतंत्र को खतरा है
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलो ने सावरकर को भारत रत्न देने के भाजपा के चुनावी वादे पर कहा कि यह इनकी फासिस्ट सोच है। इनको नहीं मतलब कि पब्लिक क्या सोचती है।
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर हमला करते हुए गुरुवार को कहा कि उसकी सोच फासीवादी है और देश में लोकतंत्र को खतरा है। महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार कर लौटे गहलोत ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से यह बात कही। गहलोत ने सावरकर को भारत रत्न देने के भाजपा के चुनावी वादे पर कहा कि यह इनकी फासिस्ट सोच है। इनको नहीं मतलब कि पब्लिक क्या सोचती है। इनको मतलब नहीं कि दूसरे राजनीतिक दलों के क्या विचार है। डेमोक्रेसी के अंदर आप सत्ता में जरूर हो पर विपक्ष की भावनाओं का भी आदर करना पड़ता है। विपक्ष क्या सोचता है उसको भी तवज्जो देनी पड़ती है।
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गहलोत ने कहा कि उनके लिए विपक्ष के मायने कुछ नहीं है। उनका मतलब है सिर्फ एक पार्टी का शासन हो देश के अंदर चाइना की तरह, बाकी पार्टियां डमी हों कागजों के अंदर और शासन अकेले ही करते जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में लोकतंत्र को खतरा है,देश में डेमोक्रेसी खतरे में है... अब यह समझें या नहीं समझें एक दिन तो समझना पड़ेगा। गहलोत ने कहा कि हमारी लड़ाई किसी से नहीं है ना आरएसएस वालों से हैं और ना बीजेपी वालों से। हमारी लड़ाई हैं नीतियों, कार्यक्रमों और सिद्धांतों की उनको भी वही लड़ाई लड़नी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि हिसाब से तो और पब्लिक को भी उन लोगों पर दबाव देना चाहिए... कि हमारे लिए कर क्या रहे हो, किसानों के लिए क्या कर रहे हो, नौजवानों की नौकरियों के लिए क्या कर रहे हो, ब्लैक मनी लाने की बात की थी उसका क्या हुआ। उन्होंने कहा कि आज यह लड़ाई होनी चाहिए थी पर जनता भी नहीं समझ पा रही है। राष्ट्रवाद के नाम पर जैसे कि हम तो राष्ट्रवादी है ही नहीं,खाली भाजपा सर्टिफिकेट देगी जिसे भाजपा सर्टिफिकेट देगी वही राष्ट्रवादी होगा यह कब तक चलेगा? राज्य में मंडावा और खींवसर में उपचुनाव में कांग्रेस की जीत का दावा करते हुए गहलोत ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है हम जीतेंगे दोनों जगह यह पूरी उम्मीद है हमें। पूरी तैयारियां हैं, पूरा अभियान अच्छा चल रहा है, प्रतिक्रिया अच्छी है जनता की।
आप सत्ता में हो परन्तु डेमोक्रेसी के अंदर विपक्ष की भावनाओं का भी आदर करना पड़ता है, विपक्ष क्या सोचता है उसको भी तवज्जो देनी पड़ती है। जबकि इनकी सोच फासिस्ट है, इनको मतलब नहीं कि पब्लिक क्या सोचती है, दूसरी राजनीतिक पार्टियों के क्या विचार है।इनके लिए विपक्ष के मायने कुछ नहीं है pic.twitter.com/WyVKzG674y
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 17, 2019
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