Delhi Yamuna River| पीने का पानी का हो सकता है संकट, यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा
यमुना में बढ़े अमोनिया के स्तर को लेकर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने सोमवार को कहा कि वजीराबाद तालाब में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण वजीराबाद और चंद्रावल जल उपचार संयंत्रों में जल उत्पादन 25% से 30% तक कम हो गया है, जहां से ये संयंत्र कच्चा पानी खींचते हैं।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का असर यमुना नदी पर होने लगा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण यमुना नदी में अमोनिया का स्तर फिर से बढ़ने लगा है। यमुना नदी में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण दिल्ली के कुछ हिस्सों में पानी की आपूर्ति एक बार फिर प्रभावित हुई है, जिससे आम जनता को परेशान होना पड़ा है।
जानकारी के मुताबिक यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ा है जिससे वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट पर 25 फीसदी असर हुआ है। यमुना नदी में अब तक अमोनिया के स्तर में कोई कमी नहीं देखने को मिली है। यमुना में बढ़े अमोनिया के स्तर को लेकर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने सोमवार को कहा कि वजीराबाद तालाब में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण वजीराबाद और चंद्रावल जल उपचार संयंत्रों में जल उत्पादन 25% से 30% तक कम हो गया है, जहां से ये संयंत्र कच्चा पानी खींचते हैं।
बता दें कि यमुना नदी में अमोनिया का बढ़ा स्तर दर्शाता है कि औद्योगिक कैमिकल्स और सीवेज के साथ कच्चे पानी की आपूर्ति के दूषित हो गई है। यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से दिल्ली वासियों के लिए पीने के पानी की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। पीने के पानी की क्षमता पर भी अमोनिया का असर देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली में पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड की है, जो मूल रूप से यमुना नदी से पानी लेता है। यमुना नदी में जब भी अमोनिया का स्तर अधिक बढ़ता है तो इससे पानी की सप्लाई पर भी असर पड़ता है। जानकारी के मुताबिक अमोनिया का स्तर बढ़ने से नई दिल्ली काउंसिल, कालकाजी, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, मॉडल टाउन, करोल बाग, पटेल नगर, मूलचंद और दिल्ली छावनी के इलाकों पर गंभीर रूप से पानी की आपूर्ति पर असर देखने को मिलेगा।
पानी साफ करने के लिए नहीं तैयार
बता दें कि दिल्ली में यमुना नदी में पानी की इस समस्या से कई बार परेशानी उत्पन्न हुई है। वहीं दिल्ली सरकार ने यमुना नदी में बढ़े अमोनिया के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया है। हरियाणा से यमुना नदी में अमोनिया और औद्योगिक वेस्ट पानी में मिल रहा है, जिससे पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। अमोनिया का स्तर अत्यधिक बढ़ने से वाटर प्लांट के कामकाज में परेशानी हो रही है।
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