अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़! भारतीयों को लगा रहे थे ऑनलाइन चूना
पुलिस के अनुसार, इस संबंध में एक शिकायत मिली और शिकायतकर्ता ने बताया कि एक डेटिंग एप के माध्यम से उसकी मुलाकात कथित दक्षिण कोरियाई नागरिक सू येओन पार्क से हुयी और उसने निवेश पर भारी रिटर्न देने का वादा किया।
नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी रैकेट से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है जो लोगों को शराब एवं मसाला व्यवसाय में ऑनलाइन निवेश के लिये कह कर उनसे अब तक 25 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गये दोनों आरोपियों की पहचान नगाराजू करमांची (31) तथा कोंडाला सुभाष (31) के रूप में की गयी है। करमांची गुड़गांव का जबकि सुभाष सिकंदराबाद का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि इस रैकेट में इस्तेमाल होने वाले कई भारतीय सिम कार्डों के बारे में पता चला है, ये सिम कार्ड चीन में सक्रिय हैं।
इसे भी पढ़ें: वियतनाम के नए प्रधानमंत्री बने फाम मिन्ह चीन्ह, पीएम मोदी ने दी बधाई
पुलिस के अनुसार, इस संबंध में एक शिकायत मिली और शिकायतकर्ता ने बताया कि एक डेटिंग एप के माध्यम से उसकी मुलाकात कथित दक्षिण कोरियाई नागरिक सू येओन पार्क से हुयी और उसने निवेश पर भारी रिटर्न देने का वादा किया और शुरूआत में उसे पांच हजार रुपये के निवेश पर तीन से चार दिनों में 20 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया गया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे बेवसाइट पर आने तथा एक अकाउंट बनाने के लिये कहा गया। उन्होंने बताया कि जो पैसा उसने निवेश किया उसे आरोपियों ने गोल्डन मार्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड समेत चार अलग अलग कंपनियों में जमा किया। पुलिस उपायक्त (दक्षिण पश्चिम) आर पी मीणा ने बताया, ‘‘एक जुलाई को छापेमारी की गयी और सुभाष एवं करमांची को गिरफ्तार कर लिया गया। सुभाष गोल्डन मार्क प्राइवेट लिमिटेड एक निदेशक है।
इसे भी पढ़ें: टूरिस्ट को लुभाने के लिए ओडिशा सरकार शुरू करेगी 100 स्थानों पर नौका विहार सेवाएं
करमांची चीनी नागरिकों के संपर्क में था और एक बैंक खाते का संचालन करता था। दोनों को क्रमश: सिकंदराबाद एवं गुड़गांव से पकड़ा गया है।’’ पुलिस उपायुक्त ने बताया कि जांच में इस बात का पता चला कि करमांडी ने दस अलग अलग कंपनियां बनायी थी जिनका बैंक खाता चीनी नागरिक इस्तेमाल कर रहा था। वह उनके संपर्क में था और अभी एक आनलाइन अल्पकालिक लोन कंपनी के डमी निदेशक के रूप में कार्यरत था। पुलिस ने बताया कि करमांची चीनी नागरिक के निर्देशों के अनुसार काम करता था और कई फर्जी बैंक खातों का संचालन करता था। उन्होंने बताया कि सुभाष और करमांची के पास से 30 मोबाइल फोन, सात लैपटॉप, 50 सिम कार्ड, छह डेबिट कार्ड तथा अन्य चीजें बरामद की गयी हैं। पुलिस ने बताया कि अब तक ये लोग अच्छा रिटर्न देने के नाम पर लोगों से 25 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि चीनी नागरिकलोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क करते थे और उन्होंने एक पीड़ित को आश्वस्त किया किभारत का आर्थिक बाजार अच्छा नहीं है और अगर वह अपने पैसों पर बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं तो उन्हें शराब और मसालों के व्यवसाय में निवेश करना चाहिये।
अन्य न्यूज़