Delhi Smog की चादर में छिपी, Airport के लिए जारी की गई खास एडवाइजरी, धुंध ने शहर को ढका
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने स्पष्ट किया कि सभी उड़ान संचालन “वर्तमान में सामान्य” हैं। मगर अधिकारियों ने यात्रियों को कहा है कि “अपडेटेड फ्लाइट इंफरमेशन” के लिए अपने संबंधित एयरलाइनों से संपर्क करते रहें ताकि उन्हें परेशानी का सामना ना करना पड़े।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण का स्तर इतना अधिक बढ़ गया है कि पूरा शहर ही प्रदूषण से बनी धुंध की मोटी चादर में छिप गया है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय यानी आईजीआई एयरपोर्ट पर भी घनी धुंध की चादर छाई हुई है। वहीं बढ़ते प्रदूषण के कारण भी कम दृश्यता हो गई है। इसी बीच एयरपोर्ट ने गुरुवार को एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के जरिए यात्रियों को सूचित किया कि शहर में घने धुंध और बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण “कम दृश्यता प्रक्रियाएं” लागू की जा रही हैं।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने स्पष्ट किया कि सभी उड़ानों का संचालन वर्तमान में सामान्य बना हुआ है। हालांकि अधिकारियों ने यात्रियों को कहा है कि “अपडेटेड फ्लाइट इंफरमेशन” के लिए अपने संबंधित एयरलाइनों से संपर्क करते रहें ताकि उन्हें परेशानी का सामना ना करना पड़े। इस संबंध में दिल्ली एयरपोर्ट द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार "दिल्ली हवाई अड्डे पर कम दृश्यता प्रक्रियाएं प्रगति पर हैं। सभी उड़ान संचालन वर्तमान में सामान्य हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे उड़ान की अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें।"
गौरतलब है कि बुधवार को घने कोहरे के कारण एयरपोर्ट पर दृश्यता काफी कम हो गई। दिल्ली हवाई अड्डे पर दृश्यता शून्य तक पहुंच गई जिस कारण उड़ानों के संचालन पर काफी असर देखने को मिला। एक अधिकारी के अनुसार, इससे राजधानी के मौसम में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है, जिसके कारण कम दृश्यता के कारण कुछ उड़ानों का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा, "सुबह 8.30 बजे इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर शून्य मीटर दृश्यता दर्ज की गई, जबकि रनवे दृश्य सीमा विभिन्न स्थानों पर 125 मीटर और 500 मीटर के बीच थी।"
एक्यूआई 400 के पार
प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि के कारण दिल्ली में धुंध की मोटी चादर छाई रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, गुरुवार सुबह 8 बजे राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 428 पर पहुंच गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने संकेत दिया है कि हवा की गतिविधि बढ़ने से प्रदूषक तत्वों के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है, साथ ही एक्यूआई के "बहुत खराब" श्रेणी में सुधरने की उम्मीद है।
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