Delhi को सहमति से अधिक पानी मिल रहा, कमी कुप्रबंधन के कारण है: हरियाणा के मंत्री ने कहा

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हरियाणा के मंत्री ने कहा, दिल्ली 613 एमजीडी (1,141 क्यूसेक) पानी की मांग कर रही है जो ऊपरी यमुना नदी बोर्ड द्वारा अपनी रिपोर्ट में निर्दिष्ट आंकड़ों-मुनक में 1,011 क्यूसेक और बवाना में 924 क्यूसेक से अधिक है।

हरियाणा के मंत्री अभय सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली में पानी की कमी पूरी तरह से आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के ‘‘आंतरिक कुप्रबंधन’’ के कारण है। यादव ने दिल्ली सरकार के इस आरोप को निराधार और तथ्यों से परे बताकर खारिज किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी को उसके हिस्से का पानी उपलब्ध नहीं करा रहा है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा वर्तमान में दिल्ली को 1,050 क्यूसेक पानी की आपूर्ति कर रहा है, जो 719 क्यूसेक के अनिवार्य आवंटन से अधिक है। सिंचाई एवं जल संसाधन राज्य मंत्री यादव ने दिल्ली में कहा कि हरियाणा जल संबंधी मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करता तथा जल को एक मूलभूत आवश्यकता मानता है।

यादव ने कहा कि आधिकारिक बैठकों में पूरा पानी मिलने की बात स्वीकार करने के बावजूद दिल्ली सरकार मीडिया और राजनीतिक मंचों पर भ्रामक एवं बढ़ा-चढ़ाकर आंकड़े पेश करती है। मंत्री ने कहा कि हरियाणा लगातार दिल्ली को आवश्यक जलापूर्ति कर रहा है। उन्होंने विशिष्ट आंकड़ों के साथ अपने दावे की पुष्टि की।

हरियाणा के मंत्री ने कहा, दिल्ली 613 एमजीडी (1,141 क्यूसेक) पानी की मांग कर रही है जो ऊपरी यमुना नदी बोर्ड द्वारा अपनी रिपोर्ट में निर्दिष्ट आंकड़ों-मुनक में 1,011 क्यूसेक और बवाना में 924 क्यूसेक से अधिक है।

उन्होंने दावा किया, यहां तक ​​कि दिल्ली के जल मंत्री के पत्र में भी माना गया है कि दिल्ली को 513 एमजीडी या 954 क्यूसेक पानी मिल रहा है जो इस तथ्य की पुष्टि करता है कि हरियाणा ने हमेशा दिल्ली को पूरा पानी दिया है और दिल्ली में पानी की कोई भी कमी केवल दिल्ली के आंतरिक कुप्रबंधन के कारण है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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