Delhi Flood प्राकृतिक आपदा है या प्रायोजित आपदा? दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप से गर्माई राजनीति

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ANI

दिल्ली में उफान पर बह रही यमुना नदी में शनिवार सुबह जलस्तर घटना शुरू हो गया है, लेकिन यह कुछ सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से ही कम हो रहा है। यमुना नदी के तेज बहाव के कारण इंद्रप्रस्थ के पास क्षतिग्रस्त हुए जल रेगुलेटर की मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाढ़ आई तो त्राहिमाम की स्थिति हो गयी। दिल्ली सरकार के सारे विभागों के हाथ-पांव फूल गये। हालात को संभालने के लिए एनडीआरएफ, सेना और नौसेना को उतारना पड़ा। जाहिर है, इस सबसे दिल्ली सरकार के दावों की कलई खुली तो आम आदमी पार्टी के लिए अपनी इज्जत बचाने की चुनौती खड़ी हो गयी। आम आदमी पार्टी ने ना आव देखा ना ताव और आरोप मढ़ दिया कि दिल्ली में आपदा प्राकृतिक नहीं बल्कि प्रायोजित है। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया कि हरियाणा ने यमुना में जानबूझकर पानी छोड़ा है तो दूसरी ओर हरियाणा सरकार का कहना है कि हमें दिल्ली सरकार की समझ पर तरस आता है क्योंकि हमारे पास कोई बांध नहीं बल्कि बैराज है।

दिल्ली के वर्तमान हालात

दिल्ली में उफान पर बह रही यमुना नदी में शनिवार सुबह जलस्तर घटना शुरू हो गया है, लेकिन यह कुछ सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से ही कम हो रहा है। यमुना नदी के तेज बहाव के कारण इंद्रप्रस्थ के पास क्षतिग्रस्त हुए जल रेगुलेटर (गति व्यवस्थापक) की मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया है और दिल्ली यातायात पुलिस ने शांतिवन से गीता कॉलोनी तक रिंग रोड के दोनों कैरिजवे पर कार, ऑटो-रिक्शा और अन्य हल्के वाहनों की आवाजाही की अनुमति दे दी है। यातायात पुलिस विभाग ने ट्वीट किया कि शांतिवन से राजघाट और आईएसबीटी की ओर जाने वाली सड़क अभी भी बंद है। उधर, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने यमुना पुल पर मेट्रो ट्रेन पर लगाया गया गति प्रतिबंध, नदी के जलस्तर में गिरावट आने के बाद हटा दिया है। डीएमआरसी ने ट्वीट किया, ‘‘यमुना पर मेट्रो पुल पार करते समय ट्रेन पर लगाया गया गति प्रतिबंध हटा दिया गया है। सभी ट्रेन अब सामान्य रफ्तार से चल रही हैं।''

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मुख्यमंत्री का ट्वीट

इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यमुना नदी में जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है और अगर भारी बारिश नहीं हुई, तो हालात जल्द सामान्य हो जाएंगे। हम आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में अब भी कई इलाके जलमग्न हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों को जलमग्न इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी है। उन्होंने दिल्ली के शांतिवन इलाके में बाढ़ के पानी में खेल रहे बच्चों का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘मैं सबसे अपील करता हूं कि ऐसा न करें। यह जानलेवा हो सकता है।’’ केजरीवाल ने बताया कि वजीराबाद और चंद्रावल में जलशोधन संयंत्र रविवार तक फिर से काम करना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘एहतियात बरतें और एक-दूसरे की मदद करें।''

दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी के आरोप

दूसरी ओर, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में बाढ़ आई है। आम आदमी पार्टी के आरोपों पर हरियाणा सरकार की प्रतिक्रिया भी आई है। हरियाणा सरकार ने कहा है कि केजरीवाल सरकार लोगों के बीच भ्रम फैलाने का काम कर रही है। आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हरियाणा सरकार से ‘बातचीत’ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।’’ संजय सिंह ने दावा किया, ‘‘हरियाणा ने हथिनी कुंड बैराज से सिर्फ दिल्ली के लिए पानी छोड़ा। इस वजह से ही बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को इससे निपटने के लिए पहले ही समन्वय करना चाहिए था।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि हथिनी कुंड बैराज से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लिए पूर्वी और पश्चिमी नहर निकलती है, लेकिन सिर्फ दिल्ली की यमुना नहर की तरफ पानी छोड़ा गया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हरियाणा सरकार 10 जुलाई से ही एक दिशा में पानी छोड़ रही है, जबकि तीनों राज्य में एक समान रूप से पानी वितरित किया जा सकता था। दिल्ली में आई बाढ़ एक संगठित योजना है। भाजपा ने जानबूझकर राष्ट्रीय राजधानी को इस स्थिति में धकेल दिया।’’ 

आप नेता सोमनाथ भारती ने भी दिल्ली की बाढ़ को ‘भाजपा निर्मित आपदा’ बताया। भारती ने आरोप लगाया, ‘‘उत्तर प्रदेश और हरियाणा की पूर्वी और पश्चिमी नहर पूरी तरह सूखी पड़ी हैं। पानी को जानबूझकर दिल्ली की तरफ छोड़ा गया।’’ 

आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दिल्ली में पिछले तीन दिनों से बारिश नहीं हुई है। इसके बावजूद यमुना के तटीय इलाके अभी जलमग्न हैं। पार्टी के अन्य नेताओं की तरह उन्होंने में भी दिल्ली में आई बाढ़ के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया। कक्कड़ ने आरोप लगाया, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र नकारात्मक राजनीति करने पर आमादा है और ये एक मानव निर्मित आपदा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सभी नेता मौके पर जाकर लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। पानी का प्रवाह केवल दिल्ली की ओर ही क्यों मोड़ा गया? इसकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए और सवाल पूछे जाने चाहिए।’’

हरियाणा सरकार की सफाई

दूसरी ओर, हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि बैराज से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ने से ‘बहुत बड़ा नुकसान’ हो सकता था। मंत्री ने कहा, ''जब बाढ़ आ जाए या भारी वर्षा हो जाए जैसा कि पिछले कुछ दिनों में हमने हिमाचल प्रदेश और अपने राज्य में भी में देखा है, तो पानी छोड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता है। यदि हम पानी रोक लेते हैं तो स्थिति विध्वंसकारी होगी।’’ पाल ने कहा कि हथिनीकुंड में जलाशय की भांति बहुत बड़ी मात्रा में पानी को भंडारित करने की प्रणाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि मान्य सीमा के बाद बैराज में पानी रखा जाता है तो ‘बहुत बड़ा नुकसान’ हो सकता है।

उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह ने बताया कि हथिनीकुंड एक ऐसा बैराज है जिसका डिजायन पानी को रास्ता बदलने या उसे विनयमित करने के लायक है। सिंह ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय जल आयोग की सिफारिशों का ‘हथिनीकुंड बैराज की रक्षा’ के लिए पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ''हथिनीकुंड से यमुना नदी में छोड़ा गया पानी ऐसा पानी है जो लगातार हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से अत्यधिक वर्षा के कारण आ रहा है।’’ उन्होंने कहा, ''सीमित मात्रा में पानी छोड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं है और यह हरियाणा के हित में भी होगा।’’

दूसरी ओर, बैराज के तकनीकी पहलू को स्पष्ट करते हुए हथिनीकुंड बैराज के अधीक्षण अभियंता रवि मित्तल ने कहा, ''बांध और बैराज में मुख्य अंतर यह है कि बांध में पानी का भंडारण किया जा सकता है लेकिन बैराज में उसे नहीं रोका जा सकता । यह एक प्रकार से मार्ग परिवर्तन भर है जहां हमारे पास सीमित नियंत्रण होता है।’’ उन्होंने कहा, ''बैराज में जलाशय नहीं होता है और हमारे पास यहां पानी को रोककर रखने की कोई प्रणाली नहीं है। यदि बैराज में कुछ हजार क्यूसेक पानी है तो भी उसे यमुना नदी में छोड़ना होता है। हिमाचल प्रदेश में हाल की भारी वर्षा के बाद हमने हजारों क्यूसेक पानी बहते देखा।''

वहीं हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि हमारे पास कोई बांध नहीं है इसलिए जो पानी आता है वो दिल्ली, आगरा, इलाहाबाद से होते हुए आखिर में समुद्र में जाता है। इसे कौन मोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अब ये (AAP) लोग बोल रहे हैं कि पानी को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की तरफ नहीं भेजा। आम आदमी पार्टी अपने कर्तव्यों से बचने की कोशिश करती है...दिल्ली को डुबाने में जितना योगदान अवैध कब्जों का है, उतना किसी और का नहीं है।

इसके अलावा, यमुनानगर के एसडीओ सिंचाई विभाग नवीन रंगा ने कहा है कि हमारे पास जैसे ही पानी का लेवल 1 लाख क्यूसेक को पार करता है हम पानी यमुना में छोड़ देते हैं। डिमांड के आधार पर हम काम करते हैं। अभी उनकी डिमांड कम है तो हमने कम पानी छोड़ा है जैसे ही डिमांड बढ़ेगी हम ज्यादा पानी छोड़ देंगे। बाढ़ की स्थिति में हम EYC और WYC के गेट बंद कर देते हैं क्योंकि पानी से साथ लकड़ी पत्थर भी बह कर आते हैं जिससे हमारे गेटों को नुकसान पहुंचता है।

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