चुनाव बाद की हिंसा टालने के लिए कुछ राज्यों में केंद्रीय बलों को बरकरार रखने का निर्णय: CEC

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने सोमवार को कहा है कि चुनाव बाद की हिंसा टालने की कोशिश के तहत केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता की अवधि समाप्त होने के बाद भी कुछ राज्यों में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने का पहली बार फैसला किया है।

नयी दिल्ली । मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि चुनाव बाद की हिंसा टालने की कोशिश के तहत निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता की अवधि समाप्त होने के बाद भी कुछ राज्यों में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने का पहली बार फैसला किया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का मानना ​​है कि चुनाव के बाद कोई हिंसा नहीं होगी लेकिन फिर भी किसी भी तरह की हिंसा को टालने के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान मंगलवार को लोकसभा चुनाव की मतगणना के साथ हटाए जाने के बाद भी पहली बार केंद्रीय बलों को तैनात रखने का निर्णय लिया गया है। 

सीईसी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन राज्यों में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रहेगी, उनमें आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी हमें (हिंसा की) आशंका है।’’ सूत्रों ने शनिवार को कहा था कि राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा उपलब्ध कराए गए आकलन के आधार पर आयोग ने किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए चार जून को होने वाली मतगणना के दिन से आगे के समय के लिए भी विभिन्न राज्यों को केंद्रीय बल मुहैया कराए हैं। 

आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल को चार जून के बाद 15 दिन के लिए सुरक्षा बल उपलब्ध कराए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश को मतगणना के दिन के बाद दो दिन के लिए सुरक्षा बल उपलब्ध कराए गए हैं। लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी हुए हैं। सिक्किम और अरुणाचल विधानसभा चुनावों की मतगणना दो जून को हुई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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