शिवसेना विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर जिरह 23 नवंबर से होगी
उन्होंने कहा कि 23 नवंबर के बाद राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र होगाइसलिए उस दौरान भी सुनवाई नहीं होगी। अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में विधायक सुनील प्रभु ने जून 2022 में मूल पार्टी में विभाजन के बाद पिछले साल शिंदे और उनके करीबी 15 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी। इस साल 11 मई को उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार शिवसेना विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं के संबंध में जिरह 23 नवंबर से शुरू होगी। शिवसेना (यूबीटी) ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे प्रक्रिया में देरी करने की रणनीति करार दिया है। तय कार्यक्रम के अनुसार जिरह सप्ताह में दो बार आयोजित की जाएगी। उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के विधानसभाध्यक्ष को निर्देश दिया था कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके करीबी शिवसेना विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले के लिए समयसीमा के बारे में एक सप्ताह के भीतर बताएं। न्यायालय ने कहा था कि उचित समय के भीतर याचिकाओं पर निर्णय लेने के निर्देश के बावजूद स्पष्ट रूप से अब तक कुछ भी नहीं किया गया है।
पिछले साल शिंदे और 39 विधायकों के मूल पार्टी से अलग होने के बाद शिवसेना के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी। शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने जून, 2022 में महाराष्ट्र में नयी सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिला लिया था। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा तैयार किए गए कार्यक्रम की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने तीखी आलोचना की है। शिवसेना (यूबीटी) नेता और पूर्व मंत्री अनिल परब ने इसे देरी की रणनीति बताया और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अयोग्यता याचिकाओं की सुनवाई एक महीने के भीतर पूरी कर सकते हैं। परब ने कहा कि मामले में कई घटनाक्रम ‘‘स्वीकृत तथ्य’’ हैं इसलिए सुनवाई में देरी का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ एक महीने में मामला ख़त्म हो जाना चाहिए।
ये हमारा अनुरोध है। जब भी यह कार्यक्रम उच्चतम न्यायालय के सामने रखा जाएगा, हम अपने विचार रखेंगे।’’ उन्होंने कहा कि 23 नवंबर के बाद राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र होगाइसलिए उस दौरान भी सुनवाई नहीं होगी। अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में विधायक सुनील प्रभु ने जून 2022 में मूल पार्टी में विभाजन के बाद पिछले साल शिंदे और उनके करीबी 15 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी। इस साल 11 मई को उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
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