स्कूल खोले जाने के विषय पर हुआ ऑनलाइन सर्वे, अभिभावकों ने कहा- यह सही समय नहीं
एक तरफ शिक्षा अधिकारी जहां स्कूलों को खोलने की संभावना तलाश रहे हैं तो दूसरी तरफ अभिभावक इस विषय को लेकर काफी चिंतित हैं।
जैसा कि देखा जा रहा है कि 8 जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोल दिया जाएगा। इससे पहले प्रांगण को सैनिटाइज किया जा रहा है और कब और कैसे सैनिटाइज करना है इसको लेकर सरकार ने भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। ऐसे में जल्द ही स्कूलों को लेकर गाइडलाइन्स जारी हो सकती हैं।
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स्कूलों को लेकर अभिभावक चिंतित
एक तरफ शिक्षा अधिकारी जहां स्कूलों को खोलने की संभावना तलाश रहे हैं तो दूसरी तरफ अभिभावक इस विषय को लेकर काफी चिंतित हैं। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अभी तक उनके बच्चे तो कोरोना मुक्त हैं वो कहीं स्कूल खुलने के बाद इसके शिकार न हो जाएं।
अभिभावकों को ऐसा डर इसलिए भी सता रहा है क्योंकि इजरायल में 40 से अधिक स्कूलों को फिर से बंद कर दिया गया है। क्योंकि वहां पर शिक्षक और छात्र दोनों ही कोविड-19 संक्रमित पाए गए।
इस विषय को लेकर अभिभावकों ने सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह का कैंपेन शुरू किया है, ताकि सरकार मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को अभी न खोलें।
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हरियाणा में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन जब संक्रमित आंकड़ों का विश्लेषण किया गया तो सामने आया कि अकेले गुरुग्राम में 70 फीसदी संक्रमण के मामले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुग्राम अभिभावक संघ के जनरल सेक्रेटरी हिमांशु शर्मा ने कहा कि अगर सरकार स्कूल खोलने जा रही है तो फिर देश के बच्चों का भी कोरोना संक्रमण टेस्ट करा लेना चाहिए। इतना ही नहीं एक ऑनलाइन सर्वे भी कराया गया जिसमें अभिभावको से ऑनलाइन सवाल पूछे गए। इस सर्वे में शामिल 93 फीसदी अभिभावकों का मानना है कि अभी स्कूलों को नहीं खोलना चाहिए।
बताया जा रहा है कि शिक्षा निदेशालय ने स्कूल के मुद्दे पर 7 जून तक सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, अध्यापकों और अभिभावकों की कमिटी से सुझाव मांगे हैं ताकि आगे का निर्णय लिया जा सके। अभिभावकों का मानना है कि स्कूल खोलने का यह सही समय नहीं है। जबकि कुछ अभिभावकों ने कहा कि अभी स्कूलों को 6 महीने तक और बंद रखना चाहिए।
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