अदालत ने परीक्षा देने के इच्छुक आरोपी के लिए पुलिस सुरक्षा शुल्क माफ किया

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आरोपी 21 वर्षीय है और वह बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) का छात्र है। उस पर एक लड़की का कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। उसके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। वह जनवरी से न्यायिक हिरासत में ठाणे जिले की एक जेल में बंद है।

मुंबई की एक सत्र अदालत ने कॉलेज की परीक्षा देने के इच्छुक पॉक्सो कानून के तहत एक आरोपी की पुलिस सुरक्षा का शुल्क माफ करते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार बुनियादी हक है और किसी भी व्यक्ति को इससे वंचित नहीं रखा जा सकता है। आरोपी 21 वर्षीय है और वह बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) का छात्र है। उस पर एक लड़की का कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। उसके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। वह जनवरी से न्यायिक हिरासत में ठाणे जिले की एक जेल में बंद है।

उसके वकील चितरंजन कुमार ने एक आवेदन दायर कर कहा था कि उनके मुवक्किल को 20 मई से शुरू होने वाली उसकी व्यावहारिक परीक्षा में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए या पुलिस सुरक्षा शुल्क माफ किया जाए जो उसे चुकाना होता। वकील ने कहा कि उसके पिता लकवा पड़ने के कारण बिस्तर से उठ सकने में असमर्थ हैं और परिवार पुलिस सुरक्षा शुल्क का भुगतान नहीं कर सकता।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसएम टाकलीकर ने 19 मई को पारित आदेश में शुल्क माफी की अनुमति दे दी। आदेश इस सप्ताह उपलब्ध हुआ। अदालत ने कहा, “ शिक्षा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और इससे किसी भी व्यक्ति को वंचित नहीं किया जा सकता है। इसलिए, आरोपी को एस्कॉर्ट (पुलिस सुरक्षा) शुल्क जमा कराए बिना परीक्षा केंद्र में जाने की अनुमति देना न्यायोचित और उचित होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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