अजित पवार को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए बयान के लिए अदालत का समन
16 दिसंबर को उसके समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी खोपड़े उस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर सुले के खिलाफ मैदान में थे।
पुणे जिले के बारामती की एक अदालत ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान की गई उनकी कथित टिप्पणी के लिए समन जारी किया है।
पवार ने अपनी उस टिप्पणी में, अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में उनकी सहयोगी रहीं और मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले को वोट नहीं देने को लेकर एक गांव में जलापूर्ति बंद करने की धमकी दी थी।
याचिकाकर्ता सुरेश खोपड़े के वकील सुमेश नेगुलपेली ने कहा कि अदालत ने पवार को 16 दिसंबर को उसके समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी खोपड़े उस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर सुले के खिलाफ मैदान में थे।
पवार की टिप्पणी का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। नेगुलपेली ने बृहस्पतिवार को कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी डी. पी. पुजारी ने आरोपों का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त आधार होने के बाद पवार को समन जारी किया।
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