अदालत ने लड़की के यौन उत्पीड़न मामले में व्यक्ति को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई

sexual assault case
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Common

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषी ने मुकदमे के दौरान जमानत का दुरुपयोग नहीं किया और उसने पहली बार अपराध किया। इसने कहा कि 2015 में अपराध के समय उसकी उम्र लगभग 19 वर्ष थी और जेल में उसका आचरण अच्छा अच्छा रहा।

राष्ट्रीय राजधानी स्थित एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के मामले में 28 वर्षीय एक व्यक्ति को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबीता पुनिया ने पिछले महीने सजा पर दलीलें सुनी थीं और आठ अप्रैल को सजा सुनाई थी। अदालत ने पीड़िता के लिए तीन लाख रुपये के मुआवजे का भी निर्देश दिया था। घटना 2015 में हुई थी।

व्यक्ति के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। विशेष लोक अभियोजक श्रवण कुमार बिश्नोई ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि उसके प्रति किसी भी तरह की नरमी दिखाना अनुचित है क्योंकि मामला 16 वर्षीय लड़की के उत्पीड़न से जुड़ा है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषी ने मुकदमे के दौरान जमानत का दुरुपयोग नहीं किया और उसने पहली बार अपराध किया। इसने कहा कि 2015 में अपराध के समय उसकी उम्र लगभग 19 वर्ष थी और जेल में उसका आचरण अच्छा अच्छा रहा। इसने विभिन्न परिस्थितियों पर विचार करते हुए दोषी को तीन साल के कठोर कारावास और 2,500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़