कोरोना वायरस टीका: किसी को महसूस हुई राहत, तो किसी का दूर हुआ संदेह
कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लगवाकर इस महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वालों ने जहां राहत महसूस की वहीं शीर्ष पदों पर बैठे लोगों के लिये टीका लगवाने का यह मौका इसे लेकर लोगों की भ्रांतियों को दूर करने का एक और अवसर भी था।
लखनऊ। कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लगवाकर इस महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वालों ने जहां राहत महसूस की वहीं शीर्ष पदों पर बैठे लोगों के लिये टीका लगवाने का यह मौका इसे लेकर लोगों की भ्रांतियों को दूर करने का एक और अवसर भी था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरूआत के बाद राजधानी लखनऊ में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डा. आरके धीमान, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डा. एके सिंह और कन्नौज मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. नवनीत कुमार ने अपने-अपने संस्थानों में खुद सबसे पहले टीका लगवाकर टीकाकरण अभियान की शुरूआत की।
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संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के निदेशक डा. आरके धीमान ने विशेष बातचीत में बताया, ‘‘मैंने सबसे पहले टीका लगवाया ताकि अगर किसी को वैक्सीन लगवाने में कोई झिझक हो तो वह दूर जाये। इस वैक्सीन के लिये मैं भारत सरकार के साथ साथ प्रदेश सरकार और देश के वैज्ञानिकों को विशेष धन्यवाद देना चाहूंगा। उन्होंने इतने कम समय में देश में वैक्सीन तैयार कर उसे आम जनता के लिये उपलब्ध करा दिया। यह हमारे देश के लिये एक बड़ी उपलिब्ध है जिसके लिये मुझे अपने देश पर गर्व है।’’
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डा. एके सिंह ने भी ऐसे ही विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मैने अपने संस्थान में पहला टीका लगवाया और मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है कि हमारे देश ने इतने कम समय में वैक्सीन तैयार भी कर ली और आज से टीकाकरण भी शुरू हो गया। मेरे संस्थान में सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाया जा रहा है। मैनें लोगों के मन से भ्रांतियां दूर करने के लिये सबसे पहला टीका लगवाया।’’ कन्नौज मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. नवनीत कुमार ने भी वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए बताया, ‘‘ मैंने भारत में बनी वैक्सीन का पूरा अध्ययन किया और सबसे पहले टीका लगवाया।
भारत में बनी वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और इसको लगवाने से किसी प्रकार का कोई खतरा नही है।’’ इरा मेडिकल कालेज के डा आनंद वर्मा ने कहा, ‘‘आज दिमाग का बोझ उतर गया, अब मैं बेधड़क होकर रोगियों की सेवा कर सकूंगा। मैं कोरोना वार्ड में डयूटी कर रहा था और मुझे डर लगा रहता था कि कही मुझे यह संक्रमण न हो जायें। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, और देश के वैज्ञानिक।’’ इरा मेडिकल कालेज के सुरक्षा गार्ड अब्दुल कय्यूम ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘गार्ड की नौकरी के दौरान अस्पताल में कोरोना रोगियों के लगातार आने से मन में डर लगा रहता था कि कही मुझे यह बीमारी न हो जाए। शुक्र है, प्रधानमंत्री जी और देश के वैज्ञानिकों का जो आज मुझे टीका लग गया। अब मैं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा हूं।’’
राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की स्टाफ नर्स सोनी अग्रवाल ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ अस्पताल में नौकरी करने आते समय हमेशा इस बात का डर लगा रहता था कि कही यहां से जाने के बाद मेरे परिवार को कहीं कोई संक्रमण न हो जायें। आज कोविड वैक्सीन लगने के बाद मैं अपने आपको काफी सुरक्षित महसूस कर रही हूं। मेरे मन से कोरोना का भय निकल गया है।’’ किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में पहला टीका लगवाने वाले क्लर्क राजीव वर्मा ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘ मैं अपने आपको बहुत सौभाग्यशाली मान रहा हूं कि मुझे पहला टीका लगा। अब मैं अपने को काफी सुरक्षित महसूस कर रहा हूं और उम्मीद कर रहा हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग टीका लगवायेंगे।
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