साधारण मास्क के चलते दिव्यांगों की समस्या बढ़ी, उठी ट्रांसपेरेंट मास्क की मांग

transparent masks
निधि अविनाश । May 11 2020 6:39PM

आपको शायद पता होगा कि हियरिंग लॉस जिन्हें सुनने में परेशानी होती है उन्हें सिर्फ साइन लैंगुएज ही समझ पाते है।लेकिन जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है तब से ही मास्क पहनना काफी जरूरी हो गया है और इसकी वजह से बहरेपन से जूझ रहे लोगों को सामने वाले की बातें समझने में काफी कठिनाई हो रही है।

नई दिल्ली। तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस को देखते हुए अब मास्क आपकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका हैं। बता दें कि अब आप बिना मास्क के घर से बाहर आना-जाना नहीं कर सकते है। इसी को देखते हुए पिछले हफ्ते भोपाल में जब संदीप अरोरा घर का सामान लेने घर से बाहर निकले तो उन्हें बीच में ही पुलिसवालों ने रोक दिया। जब अरोरा से पुलिसवालें बात कर रहे थे तो उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि उन्हें  हियरिंग लॉस की समस्या है। मास्क लगाए पुलिस संदीप से बात तो कर रही थी लेकिन अरोड़ा को कुछ समझ नहीं आ रहा था। साथ ही संदीप पुलिसवालें को ये भी नहीं बता पा रहे थे कि वह घर का जरूरी सामान लेने बाहर आए है। इस न सुनने और समझने के बीच संदींप को घर खाली हाथ ही लौटना पड़ गया। बता दें कि मास्क इस वक्त काफी जरूरी हो गया है लेकिन संदीप जैसे हियरिंग लॉस से पीड़ित दूसरे लोगों को सुनने और समझने में और बात करने में काफी दिक्कत हो रही है। इससे कम्यूनिकेशन की समस्या काफी बढ़ गई है। 

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आपको शायद पता होगा कि हियरिंग लॉस जिन्हें सुनने में परेशानी होती है उन्हें सिर्फ साइन लैंगुएज या कहे वह सिर्फ इशारों से ही बाते समझ पाते है। लेकिन जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है तब से ही मास्क पहनना काफी जरूरी हो गया है और इसकी वजह से बहरेपन से जूझ रहे लोगों को सामने वाले की बातें समझने में काफी कठिनाई हो रही है। इसी को देखते हुए अब कार्यकर्ताओं ने ट्रांसपैरंट मास्क बनाने की मांग की है। देहरादून में नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर इमपॉवरमेंट ऑफ पर्सन विद विजुअल डिसिबलिटीज (NIEPVD) ने इस कोरोना संंकंट से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए पहले ही ऐसे 50 ट्रांसपैरंट मास्क बना चुका है और बांटा भी है। NIEPVD के डायेक्टर नचिकेता राउत बताते है कि इस कोरोना संकंट में खासकर के बुजुर्ग लोगों को दूसरे की बात समझने में काफी दिक्कत हो रही है। 

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वहीं महाराष्ट्र के अली यवर जंग नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्पीच ऐंड हियरिंग डिसिबिलिटीज (AYJNISHD) को इन मास्क की क्वालिटि चेक करने के लिए भेजे गए है।  NIEPVD के वाइस प्रिसिंपल अमित शर्मा का कहना है कि ये मास्क बायोपॉलिप्रोपाइलीन से तैयार हे रहे है और यह बायोडिग्रेडेबल ईको फ्रेंडली प्लास्टिक है। ये मास्क जापानी टैक्नीक से तैयार किए जा रहे है। मुंबई स्थित AYJNISHD के डायरेक्टर सुनी एम मैथ्यू ने इन मास्क को हियरिंग लॉस से जूझ रहे लोगों के लिए काफी कारगार बताया है और कहा है कि इन मास्क की जरूरत दिव्यांगों को काफी ज्यादा है क्योंकि इससे इन लोगों को बातचीत करने में आसानी होगी और वह इसकी मदद से लीप रीड भी कर पाएंगे। साथ ही उन्होंने मास्क की क्वालिटि चेक को जरूरी बताया है। 

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