शहडोल में नहीं थम रहा बच्चों के मौत का सिलसिला, दो और बच्चों ने तोड़ा दम
जबकि शहडोल जिला अस्पताल में बच्चों की मौत के इन दो नए मामलों से एक बार फिर अस्पताल में हड़कंप की स्थिति बन गई है। 26-27 नवंबर की रात से अब तक जिला चिकित्सालय में 23 शिशुओं की मौत हो चुकी है।
शहडोल। मध्य प्रदेश में शहडोल जिले के कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां मासूमों की मौत का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। सोमवार सुबह एसएनसीयू व पीआईसीयू वार्ड में दो ओर मासूमों की मौत हो गई। बच्चों की हुई मौतों को लेकर अब तक अस्पताल प्रबंधन ने चुप्पी साधी हुई है। जबकि शहडोल जिला अस्पताल में बच्चों की मौत के इन दो नए मामलों से एक बार फिर अस्पताल में हड़कंप की स्थिति बन गई है। 26-27 नवंबर की रात से अब तक जिला चिकित्सालय में 23 शिशुओं की मौत हो चुकी है।
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वही मिली जानकारी के अनुसार उमरिया जिले के चंदनिया की 4 माह की बच्ची और सेमहरिया देवगई की 3 माह की बच्ची की मौत हो गई। इसके साथ ही यहां 17 दिनों में 23 बच्चों की मौत हो गई है। बता दें कि शहडोल जिला अस्पताल में लगातार बच्चों की मौत ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार में हड़कंप मचा दिया है। एसएनसीयू व पीआईसीयू प्रभारी डॉ. निशांत प्रभाकर के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बच्ची की मौत बुखार व सर्दी के कारण हुई है। मामला दिमागी बुखार का भी लग रहा है। बच्ची की हालत बेहद गंभीर होने के बाद परिजन उसे लेकर यहां आए थे।
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सीएमएचओ डॉ. राजेश पांडे ने बच्चों की मौत के पीछे निमोनिया को कारण बताया है। मुख्यमंत्री शिवराज ने मामले में जांच के सख्त निर्देश दिए थे। वहीं बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भी अस्पताल का निरीक्षण कर अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बावजूद मौत का मामला थम नहीं रहा है। इस दौरान बच्चों की मौत की संख्या को छुपाने का भी खुलासा हुआ था।
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