प्रवासी कामगारों की मदद के लिए कांग्रेस ने बढ़ाया हाथ तो छिड़ा विवाद, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी ने यह निर्णय पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किए गए गहन मंथन के बाद लिया है। राहुल गांधी ने इसके लिए पार्टी के कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ खासा बातचीत की थी।
कांग्रेस का सियासी दांव
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी ने यह निर्णय पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किए गए गहन मंथन के बाद लिया है। राहुल गांधी ने इसके लिए पार्टी के कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ खासा बातचीत की थी। बताया जा रहा है कि प्रवासी कामगारों की मदद के लिए जो कुछ भी हो पाएगा कांग्रेस पार्टी अपनी तरफ से करेगी और इसकी शुरुआत पहले ही कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कर दी।
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी द्वारा की गई कोर मीटिंग से मिले संकेतों के बाद रविवार को डीके शिवकुमार ने कर्नाटक सरकार को मजदूरों की मदद के लिए एक करोड़ रुपए का चेक दिया है। हालांकि, खबरें हैं कि रविवार को डीके शिवकुमार बस स्टैंड पहुंचे थे जहां पर उन्होंने प्रवासी कामगारों से बातचीत की। उन्हें कुछ कामगारों ने बताया कि उनके पास घर जाने के लिए पैसे नहीं हैं और सरकार किराया मांग रही है।
मजदूरों से बातचीत के तुरंत बाद ही डीके शिवकुमार ने कर्नाटक कांग्रेस की तरफ से कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन को चेक दिया ताकि मजदूर सही सलामत अपने घरों तक पहुंच सकें।
रेल मंत्रालय पर भी साधा निशाना
प्रवासी कामगारों से किराया वसूले जाने को लेकर सोनिया गांधी ने रेल मंत्रालय पर भी निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि जब रेल मंत्रालय ‘पीएम केयर्स’ कोष में 151 करोड़ रुपए का योगदान दे सकता है तो प्रवासी कामगारों को बिना किराये के यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकता ?
सोनिया गांधी ने कहा कि 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए। न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, पर केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन।
सहायता की जरूरत हो तो करें संपर्क
कोरोना महामारी से उपजे संकट के बीच गरीब और जरूरतमंदों की मदद के लिए कांग्रेस पार्टी आगे बढ़कर सामने आई हैं। हालांकि तमाम पार्टियां अपनी क्षमताओं के मुताबिक लोगों की मदद कर रही हैं। लेकिन, कांग्रेस भी इसमें कम नहीं है। सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस पार्टी के युवा कार्यकर्ता लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि अगर उनके आस-पास कोई ऐसा गरीब व्यक्ति है जिसे भोजन की आवश्यकता है तो हमें बताएं हम उनकी मदद करेंगे।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस की इकाईयां के कार्यकर्ता अपने निजी संसाधनों के जरिए गरीब और जरूरतंदों की मदद को खाद्यान्न किट, भोजन और वायरस से बचाव के लिए मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर भी उपलब्ध करा रही हैं।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि प्रवासी कामगारों की हर मुमकिन मदद के लिए पार्टी ने काफी गहन मंथन किया और सोशल मीडिया के जरिए जिस तरीके से हजारों किमी पैदल चलकर घर जाने की वजह से प्रवासियों की मृत्यु की खबरें पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष को मिली तो वह चाहती थी कि पार्टी कोई सार्थक पहल करे।
सोनिया गांधी ने आधिकारिक बयान में कहा कि उनकी (प्रवासी कामगारों की) व्यथा सोचकर ही हर मन कांप गया और फिर उनके दृढ़ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी। पर देश और सरकार का कर्तव्य क्या है ? आज भी लाखों मजदूर व कामगार देश के अलग-अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन है, और न पैसा। दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं।
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विदेशों में फंसे भारतीयों को निशुल्क लाया गया
सोनिया गांधी ने सवाल किया कि जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस ला सकते हैं, जब हम गुजरात के एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपए खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना कोष में 151 करोड़ रुपए दे सकता है तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते ?
प्रवासी कामगारों की मदद करेगी सरकार
सोनिया गांधी द्वारा मदद का ऐलान किए जाने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि इस मुद्दे पर उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात हुई है और रेल किराये का भुगतान केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर करेंगी।
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स्वामी ने बताया कि केंद्र सरकार 85 प्रतिशत का और राज्य सरकारें 15 फीसदी का भुगतान करेंगी। प्रवासी मजदूर निशुल्क जाएंगे। मंत्रालय एक सरकारी बयान में यह स्पष्ट करेगा। हालांकि, इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों आमने सामने आ गईं हैं।
कांग्रेस ने रेल मंत्रालय पर किराया वसूलने का आरोप लगाया तो प्रतिक्रिया भी आ गई। मंत्रालय ने कहा कि इन पूरी यात्राओं के लिए सिर्फ राज्य सरकारों से 15 फीसदी पैसा वसूला जा रहा है, ऐसे में कोई भी टिकट नहीं बेचा जा रहा है। बल्कि सिर्फ कामगारों को ट्रेन में बैठाया जा रहा है। जिनकी जानकारी राज्य सरकारें दे रही हैं।
एक्टिव हुई कांग्रेस
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है और यह समय लॉकडाउन 3.0 का है। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा इलाकों को तीन जोन में बांटकर अलग-अलग तरह की छूट दी गई है। देश में जारी लॉकडाउन के बीच कांग्रेस पार्टी ने खुद को काफी एक्टिव किया है। इन दिनों एक तरफ देश में कोरोना से जुड़ी हुई खबरें हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए गए सवाल, मदद की पेशकश और सरकार को दिए जा रहे सुझाव। हालांकि, अभी सरकार के लिए प्रवासी कामगारों को सही सलामत उनके घरों तक पहुंचाना सबसे बड़ा लक्ष्य है।
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी का बयान
— Congress (@INCIndia) May 4, 2020
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। pic.twitter.com/DWo3VZtns0
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