Bhupendra Hooda के नेतृत्व में कांग्रेस हरियाणा में मजबूत, चुनाव को क्षेत्रीय बनाने के लिए प्रचार से Rahul ने बनाई दूरी

Haryana
prabhasakshi
Anoop Prajapati । Sep 25 2024 7:18PM

हरियाणा में होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल लगातार गरमाता जा रहा है। जिसको लेकर महज 10 से 12 दिन ही वोटिंग में बचे हुए हैं, लेकिन इस दौरान हरियाणा की राजनीति में सबसे बड़ा सवाल अभी भी यही बना हुआ है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस चुनाव अभियान से दूरी क्यों बनाये हुए हुए हैं?

हरियाणा में होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल लगातार गरमाता जा रहा है। चुनाव प्रचार करने समय लगातार कम होता जा रहा है। जिसको लेकर महज 10 से 12 दिन ही वोटिंग में बचे हुए हैं, लेकिन इस दौरान हरियाणा की राजनीति में सबसे बड़ा सवाल अभी भी यही बना हुआ है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस चुनाव अभियान से दूरी क्यों बनाये हुए हुए हैं? इस सवाल के जवाब में पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी को इस चुनाव से जानबूझकर दूर रखा गया है। जिसका प्रमुख कारण है कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि यह चुनाव राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी का बने।

पार्टी को लगता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस हरियाणा में एक मजबूत स्थिति में है और राहुल गांधी के आने से यह चुनाव सीधे-सीधे राष्ट्रीय स्तर का हो जाएगा। जिसमें राहुल गांधी कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिछड़ते हुए नजर आते हैं। जिससे कांग्रेस का इस चुनाव में नुकसान हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आने से चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे क्षेत्रीय मुद्दों पर हावी हो सकते हैं। जिससे फिलहाल उनके पक्ष में चल रहा माहौल बादल भी सकता है। हालांकि, इस सब के बीच कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी भी रायबरेली के सांसद के प्रचार न करने की एक प्रमुख वजह है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि राहुल गांधी की पहचान हुड्डा गुट, शैलजा गुट या सुरजेवाला गुट के रूप में बने, क्योंकि इसका नुकसान पार्टी को हो सकता है।

इस सब के बावजूद भी 26 सितंबर को गांधी हरियाणा में दो रैलियां को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी अब तक इस चुनाव में सोशल मीडिया समेत दूसरे अन्य माध्यमों के जरिए ही प्रचार करते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की इसी गुटबाजी के कारण दो दिन पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी अपनी दो रैलियों को रद्द करना पड़ा था। कुमारी शैलजा को इस चुनाव में साइड लाइन करने से भी कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बन रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, दलित वर्ग पार्टी के इस फैसले से खुश नहीं है और वह राज्य में जगह-जगह कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन और महापंचायत का भी आयोजन कर रहा है।

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