महिला आरक्षण बिल को लेकर सुगबुगाहट हुई तेज, कांग्रेस नेता Jairam Ramesh ने विशेष सत्र में पारित करने की उठाई मांग

jairam ramesh
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रितिका कमठान । Sep 17 2023 5:01PM

कांग्रेस ने कहा कि संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराया जाए, जो पहले से ही राज्यसभा में पारित हो चुका है। बता दें कि इससे पहले कंग्रेस ने अपनी कार्य समिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें आह्वान किया गया था कि महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि महिला आरक्षण विधेयक संसद की विशेष सत्र के दौरान पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था यानी कांग्रेस कार्य समिति ने यह मांग की है। बता दे कि कांग्रेस की कूक की दो दिवसीय बैठक हैदराबाद में आयोजित की गई है। इस दौरान कूक ने प्रस्ताव दिया जिसमें 18 से 22 सितंबर तक होने वाले विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने का भी जिक्र किया गया है।

कांग्रेस ने कहा कि संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराया जाए, जो पहले से ही राज्यसभा में पारित हो चुका है। बता दें कि इससे पहले कंग्रेस ने अपनी कार्य समिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें आह्वान किया गया था कि महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए।

इस संबंध में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। वह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पास नहीं हो सका था।’’ 

रमेश के अनुसार, ‘‘अप्रैल 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया थे। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। आज पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। यह आंकड़ा 40 प्रतिशत के आसपास है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक-तिहाई आरक्षण के वास्ते तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लेकर आए थे। विधेयक नौ मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ था, लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा में पेश/पारित किए गए विधेयक समाप्त नहीं होते हैं। इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी मौजूद है। कांग्रेस पार्टी पिछले नौ साल से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से भी पारित कराया जाना चाहिए।’’ कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस लंबे समय से यह मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस विधेयक को पारित करने का आग्रह किया।

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