अमेठी से राहुल ने स्वीकारी हार, स्मृति ईरानी को दी जीत की बधाई

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रेनू तिवारी । May 23 2019 6:04PM

राहुल गांधी ने आगे कहा कि सच कहूं, तो आज यह चर्चा करने का दिन नहीं है कि मुझे क्या गलत लगता है क्योंकि भारत के लोगों ने स्पष्ट रूप से निर्णय लिया है कि नरेंद्र मोदी उनके प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और एक भारतीय के रूप में मैं उनका सम्मान करता हूं।

लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार प्रचंड मोदी लहर  पर सवार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रिकॉर्ड सीटों के साथ केंद्र की सत्ता पर काबिज होने जा रही है। इसी के साथ ही राहुल गांधी को भी अमेठी से हार का मुंह देखना पड़ा। इसी हार के साथ अमेठी के जनादेश ने ये साबित कर दिया की अब अमेठी भी विकास चाहता हैं परिवारवाद नहीं। सुबह से ही स्मृति ईरानी अमेठी पर अपनी बढ़त बनाए हुए थीं अब अप अंतिम रूझान में ये साफ हो गया की अमेठी के लाल को अमेठी की गोद ली हुई बेटी ने हरा दिया। राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉंफ्रेंस करके अमेठी में अपनी हार को स्वीकार कर दिया हैं और स्मृति ईरानी को अमेठी में जीत के लिए बधाई दी है।

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी में करारी हार के बाद कहा, मैं फैसले का सम्मान करता हूं और स्मृति ईरानी जी को बधाई देता हूं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि सच कहूं, तो आज यह चर्चा करने का दिन नहीं है कि मुझे क्या गलत लगता है क्योंकि भारत के लोगों ने स्पष्ट रूप से निर्णय लिया है कि नरेंद्र मोदी उनके प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और एक भारतीय के रूप में मैं उनका सम्मान करता हूं।

उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा चुनाव 2019 का मुख्य केंद्र बनी हुई थी। हर कोई ये जानना चाहता था कि 'साल 2019 में किसकी होगी अमेठी? राहुल गांधी की या स्मृति ईरानी की'। लेकिन आज आये जनादेश ने अमेठई स्मृति ईरानी के हवाले कर दिया, और राहुल गांधी अपना गढ़ नहीं बचा पाये। 

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2014 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ खड़ी हुई थी लेकिन उन्हें अमेठी के जनादेश ने स्वीकार नहीं किया था। स्मृति ईरानी ने इस हार को चुनौती लेकर 5 साल तक अमेठी में जमकर काम किया और आज अमेठी की जनता उन्हें अपनी बेटी कहती है। जी हां समाचारों में स्मृति ईरानी को अमेठी की बेटी माना जाता है।

हाल ही में स्मृति ईरानी ने अमेठी के लोगों को कुंभ दर्शन के लिए मुफ़्त में बसों की सेवा भी दी गई थी। जिस परिवार को सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा इस क्षेत्र में स्मृति ईरानी ने जमकर काम दिया। आज स्मृति ईरानी के बल पर तमाम परिवार सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं।

सोनिया गांधी ने साल 2017 से कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ कर ये जिम्मेदारी राहुल गांधी को सौप दी। 16 दिसंबर 2017 को औपराचिक रूप से राहुल गांधी की ताजपोशी की गई। जिसके बाद राहुल गांधी राजनीति में तेजी से सक्रिय हो गये और मोदी सरकार को 2019 में आने से रोकने के लिए रणनीती बनाने लगे। इससे पहले राहुल गांधी साल 2004 से अमेठी से पहली बार लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा था और एतिहासिक वोटों से जीत दर्ज की थी। 

उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा चुनाव सीट मुख्यत गांधी परिवार का घर रहा है। कांग्रेस की ये परम्परागत सीट रही है। इस सीप पर पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु, फिर उनके बाद इस सीट पर संजय गांधी, राजीव गांधी ने भी प्रतिनिधित्व किया और राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी इस सीट पर चुनाव लड़ा। और पीछले 4 बार के लोकसभा चुनाव से राहुल गांधी अमेठी से सांसद थे।

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