कांग्रेस के सहयोगी असम में बनाएंगे दाढ़ी, टोपी और लुंगी वालों की सरकार
एआईयूडीएफ उम्मीदवार फणीधर तालुकदार के लिए चुनावी सभा करते हुए अब्दुल रहीम अजमल ने बभनीपुर में कहा कि इस बार यह गरीब लोगों की सरकार होगी, सरकार में दाढ़ी, टोपी और लुंगी वाले पुरुष होंगे।
पश्चिम बंगाल और असम समेत पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है। पश्चिम बंगाल के चुनाव में तो खूब शोर है लेकिन असम के चुनाव कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं। बीजेपी ने यहां साल 2016 में कांग्रेस के 15 साल के शासन का अंत करते हुए अपना परचम लहराया था। असम के चुनाव में बंगाली भाषा बोलने वाले बदरुद्दीन अजमल के निशाने पर बीजेपी है वहीं गृह मंत्री अमित शाह हो या बीजेपी को असम में सत्ता के दरवाजे तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हेमंत बिस्व सरमा दोनों ही बदरुद्दीन को असम का सबसे बड़ा दुश्मन बता रहे हैं। लेकिन तमाम सियासी बयानबाजी के दौर में एक बयान बदरुद्दीन अजमल के बेटे अब्दुल रहीम अजमल की तरफ से भी सामने आया है। एआईयूडीएफ चीफ के बेटे रहीम ने दावा किया है कि वह दाढ़ी, टोपी और लुंगी पहनने वाले लोगों की सरकार बनाएंगे।
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बुर्का, दाढ़ी और इस्लामी टोपी की करनी होगी इज्जत
एआईयूडीएफ उम्मीदवार फणीधर तालुकदार के लिए चुनावी सभा करते हुए अब्दुल रहीम अजमल ने बभनीपुर में कहा कि इस बार यह गरीब लोगों की सरकार होगी, सरकार में दाढ़ी, टोपी और लुंगी वाले पुरुष होंगे। वहीं एक अन्य रैली को संबोधित करते हुए बदरुद्दीन के पुत्र की तरफ से कहा गया कि चुनाव जीतने के बाद लोगों को बुर्का, दाढ़ी और इस्लामी टोपी की इज्जत करनी होगी।
कांग्रेस और एआईयूडीएफ के बीच गठबंधन
असम के चुनाव में कांग्रेस पार्टी 93 सीटों पर और एआईयूडीएफ 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। असम में 35 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली सीट 2001 में 36 थी जो 2011 में 40 हो गई। इसके अलावा 14 अन्य विधानसभा क्षेत्रों में मुसलमानों की आबादी 25 से 30 फीसदी है।
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